दिल्ली दंगा मामला: पुलिस ने कहा- देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त डॉक्टर-इंजीनियर, पढ़े-लिखे आतंकी ज्यादा खतरनाक
क्या है खबर?
दिल्ली दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट में उमर खालिद, शरजील इमाम सहित अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से ASG एसवी राजू ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आजकल चलन बन गया है कि डॉक्टर, इंजीनियर अपने पेशे का काम छोड़कर देश विरोधी कामों में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब पढ़े-लिखे लोग आतंकवादी बनते हैं, तो वे ओवरग्राउंड वर्कर्स से ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं।
टिप्पणी
राजू ने इमाम के कथित भड़काऊ वीडियो कोर्ट में दिखाए
राजू ने सुनवाई के दौरान नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ इमाम के भाषण के वीडियो कोर्ट में दिखाए। इसमें इमाम दिल्ली दंगों से पहले 2019 और 2020 में चाखंड, जामिया, अलीगढ़ और आसनसोल में भाषण दे रहा है। राजू ने कहा, "इन भाषणों से माहौल बिगड़ा और लोगों को उकसाने का काम हुआ। इमाम इंजीनियरिंग स्नातक है। यह कोई सरल प्रदर्शन नहीं है, ये हिंसक प्रदर्शन हैं। वे बंद की बात कर रहे हैं।"
दौरा
पुलिस ने कहा- प्रदर्शन के लिए ट्रंप के दौरे की तारीख चुनी
राजू ने कहा, "वह कहते हैं कि कोर्ट को नानी याद करा देंगे। वह बाबरी मस्जिद के बारे में बात करते हैं। शासन परिवर्तन के उद्देश्य के साथ दिल्ली दंगों की योजना बनाई गई थी। इसीलिए इसका समय डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय का ही रखा गया था। यह एक संयोग नहीं था, बल्कि पूरी सोची-समझी साजिश थी। इस साजिश का मुख्य सदस्य कहता कि यह हिंसक विरोध है, जो असम को भारत से अलग करता है।"
असम
राजू ने कहा- आरोपी दिल्ली की आपूर्ति रोकना चाहते थे
राजू ने कहा, "आरोपियों ने देखा कि यह मुसलमानों का समर्थन हासिल करने का मौका है। यह किसी साधारण विरोध प्रदर्शन का उदाहरण नहीं था। आरोपी दिल्ली की आपूर्ति रोकना चाहते थे। वे दिल्ली और पूर्वोत्तर के असम का आर्थिक रूप से गला घोंटना चाहते थे। उन्होंने कहा कि विरोध का उद्देश्य लोगों को आवश्यक वस्तुओं से वंचित करना था। आरोपी चिकन नेक और कश्मीर के बारे में बात करते हैं। वह मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।"
अहम बातें
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की बड़ी दलीलें
पुलिस ने ये भी दावा किया कि जांच के दौरान मिले डिजिटल सबूतों से पता चला है कि दंगों की योजना केवल दिल्ली तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसे देशभर में फैलाने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे के समय ही हिंसा भड़काने की योजना बनाई, ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा जा सके। यह एक गहरी, सुनियोजित और सोची-समझी साजिश थी।
दंगे
दिल्ली दंगों में मारे गए थे 53 लोग
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में CAA को लेकर 24 से 26 फरवरी, 2020 के बीच लगातार 3 दिन दंगे हुए थे। इनमें 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल थे। इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों को आग लगा दी थी। इस मामले में शरजील, उमर समेत कई लोग जेल में है।