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अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद सिद्दीकी को 13 दिन की ED हिरासत में भेजा गया
अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन की हिरासत में भेजा गया

अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद सिद्दीकी को 13 दिन की ED हिरासत में भेजा गया

लेखन गजेंद्र
Nov 19, 2025
09:19 am

क्या है खबर?

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के मामले में चल रही जांच के तहत फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन की हिरासत में भेजा गया है। दिल्ली की साकेत कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) शीतल चौधरी प्रधान ने मंगलवार रात करीब 1 बजे यह आदेश सुनाया। कार्यवाही देर रात शुरू हुई थी। सिद्दीकी को विस्फोट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेजा गया है।

आरोप

सिद्दीकी पर क्या है आरोप?

अल-फलाह के चेयरमैन और ट्रस्ट प्रबंधक सिद्दीकी को दिल्ली विस्फोट के बाद जांच के घेरे में लिया गया था। उन्हें ED ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मंगलवार को गिरफ्तार किया है। ED ने आतंकवाद-वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत अल-फलाह समूह से संबंधित 19 परिसरों की तलाशी ली थी। जांचकर्ताओं ने फर्जी कंपनियों और समूह द्वारा अनेक उल्लंघनों का खुलासा किया और 48 लाख रुपये नकद, कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं।

मान्यता

ट्रस्ट के करोड़ों रुपये परिवार को हस्तांतरित

ED का आरोप है कि अल-फलाह ट्रस्ट के करोड़ों रुपये परिवार से जुड़ी संस्थाओं को हस्तांतरित किए गए हैं और निर्माण-खानपान के ठेके सिद्दीकी की पत्नी और बच्चों के स्वामित्व वाली कंपनियों को मिला है। संभावना है कि विस्फोट से जुड़े कई संदिग्ध विश्वविद्यालय से जुड़े रहे, जिसके चलते जांचकर्ता संस्थागत रिकॉर्ड, वित्तीय लेन-देन और प्रशासनिक स्वीकृतियों की जांच हो रही है। अल-फलाह की वेबसाइट में इंजीनियरिंग स्कूल और ट्रेनिंग स्कूल की झूठी मान्यता पर सवाल उठाए गए हैं।

जांच

अपराध शाखा की FIR के बाद ED ने शुरू की जांच

सिद्दीकी के खिलाफ ED ने तब जांच शुरू की, जब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फर्जी मान्यता और धोखाधड़ी के संबंध में 2 FIR दर्ज की थी। FIR में दावा किया गया है कि मान्यता का फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का मकसद गलत तरीके से आर्थिक लाभ कमाना और छात्रों व जनता को नुकसान पहुंचाना था। इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और गुणवत्ता आंकलन कर मान्यता देने वाले राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने नोटिस भेजा था।

घटना

दिल्ली विस्फोट से कैसे जुड़े विश्वविद्यालय के तार?

दिल्ली विस्फोट में 15 लोगों की मौत हुई है, जबकि 20 से अधिक घायल हुए हैं। घटना से एक दिन पहले डॉक्टर मुजम्मिल शकील और डॉक्टर शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया था। इनकी गिरफ्तारी से जैश आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ और 2,900 किलो विस्फोटक के साथ हथियार बरामद हुए। ये दोनों अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े थे। विस्फोट में मारा गया संदिग्ध आतंकी डॉक्टर उमर नबी भी अल-फलाह में पढ़ाता था, जिससे विश्वविद्यालय जांच के घेरे में है।