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दिल्ली पुलिस ने तैयार किया हलफनामा, 2020 दिल्ली दंगों को सत्ता परिवर्तन अभियान का हिस्सा बताया
दिल्ली पुलिस ने 2020 दंगों को सत्ता परिवर्तन अभियान बताया

दिल्ली पुलिस ने तैयार किया हलफनामा, 2020 दिल्ली दंगों को सत्ता परिवर्तन अभियान का हिस्सा बताया

लेखन गजेंद्र
Oct 30, 2025
02:10 pm

क्या है खबर?

दिल्ली पुलिस ने 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में एक हलफनामा तैयार किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट में दायर किया जाएगा। हलफनामे में दंगों को अचानक भड़की नाराजगी नहीं, बल्कि 'सत्ता परिवर्तन अभियान' का हिस्सा बताया गया है। पुलिस ने 117 पन्नों का हलफनामा उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं के जवाब में तैयार किया है। पुलिस ने दंगों को सुनियोजित बताते हुए, आरोपियों की जमानत का विरोध किया है।

हलफनामा

पुलिस ने हलफनामे में क्या कहा?

न्यूज18 के मुताबिक, पुलिस ने हलफनामे में तर्क दिया कि जांचकर्ताओं ने प्रत्यक्षदर्शी, दस्तावेजी और तकनीकी साक्ष्यों से यह साबित किया कि दंगे सांप्रदायिक आधार पर रची गई साजिश का नतीजा थे। पुलिस ने कहा, "दंगे की योजना नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ जन असंतोष को हथियार बनाने और भारतीय संप्रभुता-अखंडता पर प्रहार करने के लिए बनाई गई थी।" हलफनामे के मुताबिक, "यह अलग घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित हिंसा से सरकार को अस्थिर करने का एक समन्वित प्रयास था।"

विरोध

जेल नहीं जमानत का नियम है- दिल्ली पुलिस

इंडिया टुडे के मुताबिक, पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) का हवाला देते हुए कहा कि आतंकवाद से जुड़े ऐसे गंभीर अपराधों के लिए 'जमानत नहीं, बल्कि जेल' का नियम है। हलफनामे में कहा गया कि अभियुक्त प्रथम दृष्टया दोष की धारणा को खारिज करने में विफल रहे हैं और अपराध की गंभीरता मुकदमे में देरी के कारण रिहाई रोकती है। पुलिस ने गवाहों की सूची के दावों को खारिज किया और केवल 100-150 गवाह को महत्वपूर्ण बताया है।

ध्यान

अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचने की साजिश

पुलिस ने कहा कि हिंसा तब की गई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत यात्रा पर थे, ताकि अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचकर देश की नकारात्मक छवि बनाई जा सके। पुलिस ने याचिकाकर्ताओं पर 'तुच्छ आवेदनों' और 'समन्वित असहयोग' से मुकदमे की कार्यवाही में देरी करने की रणनीति बनाने का आरोप लगाया। पुलिस का दावा है कि रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री पूरे भारत में अशांति फैलाने की कोशिशों का संकेत देती है, जो अखिल भारतीय लामबंदी योजना की ओर इशारा करती है।

दिल्ली दंगा

क्या है दिल्ली दंगा मामला?

वर्ष 2020 में 23 से 26 फरवरी के बीच उत्तर-पूर्व दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें करीब 53 लोग मारे गए और 700 घायल हुए थे। कई दुकानें और घर भी जला दिए गए और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ। अब तक दर्ज 695 मामलों में 109 में फैसले सुनाए जा चुके हैं। खालिद और अन्य पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।

जानकारी

कोर्ट ने लगाई थी पुलिस को फटकार

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की जमानत याचिकाओं पर जवाब न देने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय देने से इंकार किया था।