सुल्तानपुरी मामला: दिल्ली पुलिस का नया खुलासा, ड्रग्स तस्करी में निधि को किया था गिरफ्तार
सुल्तानपुरी मामले में दिल्ली पुलिस एक और बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने कहा कि अंजलि की दोस्त निधि पहले गांजे की सप्लाई किया करती थीं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, साल 2020 में निधि को ड्रग्स तस्करी के एक मामले में आगरा कैंट से गिरफ्तार किया गया था और उनके पास से 10 किलो गांजा बरामद हुआ था। बता दें कि 1 जनवरी को 20 साल की अंजलि का जब कार एक्सीडेंट हुआ था तो निधि उसके साथ मौजूद थीं।
निधि आगरा रेलवे स्टेशन से हुई थीं गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने बताया कि निधि को दिसंबर, 2020 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, (1985) के तहत आगरा रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था। उस समय गांजा तस्करी में निधि के साथ पुलिस ने समीर और रवि नाम के दो लड़कों को भी गिरफ्तार किया था। वो फिलहाल जमानत पर बाहर है। दिल्ली पुलिस ने अंजलि मामले में निधि की गिरफ्तारी का खंडन किया और कहा कि शुक्रवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के अमन विहार की रहने वाली 20 वर्षीय अंजलि नए साल की पार्टी करके एक जनवरी को सुबह अंधेरे अपनी दोस्त निधि के साथ स्कूटी से वापस लौट रही थी, तभी सुल्तानपुरी में एक कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी। कार अंजलि को करीब 13 किलोमीटर तक घसीट कर ले गई और इस दौरान आई चोटों से उसकी मौत हो गई। पुलिस को दिए बयान में निधि ने कहा था कि हादसे के समय अंजलि नशे में थी।
निधि पर भी उठ रहे सवाल
मामले में अंजलि की दोस्त निधि पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि हादसे के बाद उन्होंने न तो पुलिस को घटना की सूचना दी और न ही अंजलि और अपने परिजनों को इसके बारे में बताया। निधि ने अपनी सफाई में कहा है कि वह हादसे से इतना घबरा गई थी कि सीधे घर चली गईं। उन्होंने हादसे के समय अंजलि के नशे में होने का दावा भी किया है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
अंजलि के चाचा ने भी निधि पर लगाए आरोप
अंजलि के चाचा प्रेम ने भी निधि द्वारा दिए गए बयान पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, "निधि झूठ बोल रही है। उसने (निधि) घटना की जानकारी किसी को क्यों नहीं दी थी? उसने पुलिस और अपने परिवार को सूचित क्यों नहीं किया? हम पुलिस जांच से संतुष्ट हैं, लेकिन उन्हें कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह एक दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है। निधि पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) लगनी चाहिए।"
अब तक सात आरोपी पुलिस हिरासत में
बाहरी दिल्ली पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा, "ऐसी खबरें हैं कि निधि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें केवल जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था।" उन्होंने कहा कि पांच मुख्य आरोपियों दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल (27) को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपियों को बचाने के आरोप में आशुतोष और अंकुश की गिरफ्तारी भी हुई है।