अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 3 दिन CBI रिमांड में भेजा
दिल्ली के शराब नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के नए मामले में कोर्ट से राहत नहीं मिली है। CBI ने केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया था और पूछताछ के लिए 5 दिन की हिरासत मांगी थी। कोर्ट ने कई घंटे तक दलीलें सुनने के बाद जांच एजेंसी को 3 दिन रिमांड की मंजूरी दे दी है।
मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाने की बात नकारी
सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि मीडिया में खबरें चल रही हैं कि उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब नीति से जुड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे गलत बताया और कहा कि उन्होंने ऐसे कोई आरोप नहीं लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मामले में कोई दोषी नहीं है, सिसोदिया भी नहीं है। वहीं कोर्ट में CBI ने कहा कि मीडिया में सही खबर चल रही है। बता दें कि केजरीवाल की तबीयत भी बिगड़ गई थी।
आज ही CBI ने किया था गिरफ्तार
शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत केजरीवाल पहले से जेल में बंद हैं। मंगलवार रात CBI ने उनसे पूछताछ की थी और बाद में गिरफ्तार कर लिया था। बता दें कि ED के मामले में केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, जिस पर है कोर्ट ने रोक लगा दी। केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। बीच में उन्हें 21 दिन की जमानत मिली थी।
ED के बाद अब CBI किस मामले की कर रही जांच?
दरअसल, शराब नीति मामले में ED मनी लॉन्ड्रिंग और कथित धन के लेन-देन की जांच कर रही है। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ही केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। अब CBI नीति को लागू करने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। मामले में जांच की शुरुआत CBI ने ही उपराज्यपाल की सिफारिश के बाद की थी। CBI की FIR के आधार पर ही ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।