दिल्ली: पहचान चुराने और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में चीनी महिला गिरफ्तार
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस ने फर्जी पहचान के साथ भारत में रहने और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में एक चीनी महिला को गिरफ्तार किया है।
महिला को उत्तर दिल्ली स्थित मजनू का टीला से गिरफ्तार किया गया और वो यहां एक बौद्ध साधु बनकर रह रही थी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के पास स्थित मजनू का टीला तिब्बत शरणार्थियों की कॉलोनी है और यह पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
मामला
चीन के हैनान प्रांत की रहने वाली है गिरफ्तार महिला
दिल्ली पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार महिला की पहचान चीन के हैनान प्रांत की रहने वाली काई रुओ के तौर पर हुई है। वह मजनू का टीला में डोलमा लामा के नाम से बौद्ध भिक्षु बनकर रह रही थी।
उसने अपने बाल छोटे-छोटे कटा रखे थे और हमेशा बौद्ध धर्म की पारंपरिक गहरे लाल रंग की पोशाक में रहती थी।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, उसे भारत विरोधी गतिविधियों के लिए गुरूवार को हिरासत में लिया गया।
आरोप
महिला के पास था नेपाल का नागरिकता प्रमाण पत्र
पुलिस के अनुसार, वेरिफिकेशन के दौरान महिला से डोलमा लामा नाम से नेपाल का नागरिकता प्रमाण पत्र मिला। हालांकि जब विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से पता किया गया तो सामने आया कि वह नेपाली नहीं बल्कि चीन की नागरिक है और 2019 में भारत आई थी।
आरोपी महिला के खिलाफ 17 अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 419 (पहचान चुराकर धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी) और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
तनाव
अप्रैल, 2020 से भारत और चीन के बीच बना हुआ है तनाव
चीनी महिला को ऐसे समय पर गिरफ्तार किया गया है जब भारत और चीन के बीच पिछले लगभग ढाई साल से सीमा पर विवाद चल रहा है। अप्रैल, 2020 में चीन ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय इलाके में घुसपैठ कर दी थी।
उसकी इस हरकत के बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और 15 जून, 2020 को तनाव हिंसा में बदल गया। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे।
अन्य इलाके
अरुणाचल प्रदेश में भी चीन ने की घुसपैठ
चीन ने लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी घुसपैठ की है और यहां भारतीय सीमा के अंदर घुसकर दो गांव बसा लिए हैं।
चीन ने एक गांव अरुणाचल प्रदेश के शी-योमी जिले में बनाया है और इसमें लगभग 60 घर हैं। ये गांव भारतीय सीमा के छह-सात किलोमीटर अंदर है। चीन द्वारा बसाए गए दूसरे गांव में लगभग 100 घर हैं।
इसके अलावा चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नाम भी बदल दिए हैं।