चीन ने गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल दौरे का किया विरोध, शाह ने किया पलटवार
चीन ने गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का विरोध किया है। सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय की ओर जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय गृह मंत्री की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है। दरअसल, गृह मंत्री शाह आज से अरुणाचल प्रदेश की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। इससे पहले पिछले दिनों चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों का नाम बदल दिया था।
चीन सरकार ने क्या कहा?
चीनी सरकार के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गृह मंत्री शाह की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जंगनान चीन का क्षेत्र है और उनकी जंगनान की यात्रा चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करती है, जो दोनों देशों की सीमा पर अशांति फैला सकती है। दरअसल, चीन ने तिब्बत के तथाकथित दक्षिणी हिस्से यानी अरुणाचल प्रदेश को जंगनान नाम दिया है और सालों से वह इस क्षेत्र पर अपना दावा करता आ रहा है।
अमित शाह ने सीमा से महज एक किलोमीटर दूर स्थित गांव का किया दौरा
गृह मंत्रालय संभालने के बाद शाह की यह पहली दो दिवसीय अरुणाचल प्रदेश यात्रा है। उन्होंने आज भारत-चीन सीमा से लगे गांव किबिथू में 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' का शुभारंभ किया। यह गांव चीन सीमा से महज एक किलोमीटर दूर है। गृह मंत्री शाह का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कुछ दिनों पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों का नाम बदल दिया था।
भारत की भूमि पर कोई अतिक्रमण कर सकता- गृह मंत्री शाह
अरुणाचल में शाह ने अपने संबोधन में कहा, "21 अक्टूबर, 1962 में तत्कालीन कुमाऊं रेजीमेंट के 6 अधिकारियों ने यहां पर जिस बहादुरी से लड़ाई लड़ी, मैं उन्हें मनपूर्वक श्रद्धाजंलि देना चाहता हूं।" उन्होंने कहा, "आज पूरा देश महफूज है। हमारे सेना के पराक्रम, त्याग एवं बलिदान से यह संभव हो पाया है। आज हम गर्व के साथ कहते हैं कि अब वो जमाने चले गए जब भारत की भूमि का कोई अतिक्रमण कर सकता था।"
चीन के नाम बदलने को लेकर भारत ने क्या कहा था?
पिछले दिनों भारत सरकार ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदले जाने को लेकर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि यह चीन का पहला प्रयास नहीं है और उसने पहले भी ऐसी कोशिशें की हैं। उन्होंने कहा था, "अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है और चीन द्वारा नाम बदलने से इस वास्तविकता को बदला जा सकता है।"
अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत-चीन के बीच क्या है विवाद?
चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है। दूसरी तरफ भारत का कहना है कि अरुणाचल उसका अभिन्न अंग है। दरअसल, सीमा निर्धारित करने के लिए भारत और तिब्बत के बीच 1914 में बैठक हुई थी, जिसमें तिब्बत ने अरुणाचल प्रदेश के विवादित इलाकों को भारत का हिस्सा माना था। हालांकि, चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया और यही दोनों देशों के बीच विवाद की वजह है।