बिलासपुर रेल हादसा: पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने तोड़ा था लाल सिग्नल? जांच शुरू
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार को हुए भीषण रेल हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। रेल मंत्रालय ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। शुरूआती जांच में पता चला है कि हादसा पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट की लापरवाही से हुआ है, जिसने संभवत: लाल सिग्नल पार किया। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। हादसे के कारण और आवश्यक सुधारात्मक उपायों की सिफारिश के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) के स्तर पर जांच की जाएगी।
जांच
रेलवे की शुरूआती जांच में क्या पता चला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों ने प्रारंभिक आकलन से संभावना जताई है कि दुर्घटना का कारण खतरे के समय सिग्नल पास होना (SPAD) हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने "खतरे" की स्थिति में लाल सिग्नल को गलती से अनदेखा कर दिया, जिससे ट्रेन मालगाड़ी से भिड़ गई। अधिकारियों का कहना है कि रूट के इस हिस्से में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली है, जिससे पायलट को अधिक सतर्क रहना होता है।
हादसा
कैसे हुआ था हादसा?
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार शाम को करीब 4 बजे हुआ मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU) पैसेंजर ट्रेन गेवरा (पड़ोसी कोरबा जिले में) से बिलासपुर जा रही थी। जब ट्रेन गतोरा और बिलासपुर रेलवे स्टेशनों के बीच थी, तभी पैसेंजर ट्रेन पीछे से एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे 3 डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसा इतना जबरदस्त था कि पैसेंजर ट्रेन का एक डिब्बा मालगाड़ी के एक डिब्बे के ऊपर चढ़ गया था।
मौत
हादसे में 11 लोगों की मौत
हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि करीब 20 लोग घायल हैं। पैसेंजर ट्रेन के मोटरमेन विद्या सागर की मौत हो गई, जबकि सहायक मोटरमेन रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हैं। मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर (गार्ड) ने पैसेंजर ट्रेन को आते देखकर अपने कोच से छलांग लगा दी। उनको मामूली चोट आई है। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 5-5 और मामूली घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता दी है।