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केंद्र ने कोयंबटूर और मदुरै में मेट्रो चलाने की परियोजना खारिज की, ये बताया कारण
तमिलनाडु की सरकार ने चेन्नई के अलावा 3 और शहरों में मेट्रो चलाने की योजना बनाई है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

केंद्र ने कोयंबटूर और मदुरै में मेट्रो चलाने की परियोजना खारिज की, ये बताया कारण

लेखन गजेंद्र
Nov 18, 2025
06:13 pm

क्या है खबर?

तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार को कोयंबटूर और मदुरै में मेट्रो चलाने की परियोजना को धक्का लगा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने कम आबादी होने के कारण यहां मेट्रो चलाने से मना कर दिया है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए मेट्रो रेल नीति 2017 के तहत जनसंख्या मानदंडों का हवाला दिया है, जिसके तहत केवल 20 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मेट्रो की अनुमति है। केंद्र के इस कदम से तमिलनाडु में नाराजगी है।

परियोजना

तमिलनाडु सरकार ने बनाई थी पूरी योजना

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सरकार ने कोयंबटूर-मदुरै समेत 4 शहरों में मेट्रो चलाने की योजना बनाई है। कोयंबटूर में 39 किलोमीटर (32 स्टेशन) और मदुरै में 33 किलोमीटर (26 स्टेशन) के लिए चेन्नई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी। DMK सरकार ने मदुरै में 11,360 रुपये और कोयंबटूर में 10,740 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी देकर प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। केंद्र ने कई महीनों के इंतजार के बाद इसे नामंजूर कर दिया।

जनसंख्या

कोयंबटूर और मदुरै में इसलिए हुई मनाही, फिर मांगी रिपोर्ट

2011 की जनगणना के अनुसार, कोयंबटूर नगर निगम की जनसंख्या 15.84 लाख थी, जबकि स्थानीय नियोजन प्राधिकरण क्षेत्र की जनसंख्या 23.5 लाख थी। मदुरै में, नगर निगम की जनसंख्या 10.20 लाख और शहरी समूह की जनसंख्या 14.7 लाख थी। तमिलनाडु अधिकारियों का कहना है कि अगर कोयंबटूर और मदुरै की जनसंख्या 20 लाख से कम है तो आगरा और कानपुर जैसे शहरों में मेट्रो क्यों चल रही है? हालांकि, केंद्र ने अतिरिक्त दस्तावेजों के साथ फिर से रिपोर्ट मांगी है।

भेदभाव

इन छोटे शहरों में चल रही है मेट्रो

तमिल मीडिया के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार ने केंद्र के इस भेदभाव पर सवाल उठाया है और कहा है कि कम आबादी वाले दूसरे टियर-2 शहरों में मेट्रो परियोजनाओं को कैसे मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि आगरा (16 लाख), पटना (17 लाख) और भोपाल (18.8 लाख) के लिए परियोजनाओं को मंजूरी मिली है, जो सभी 20 लाख की सीमा से नीचे हैं। कानपुर, आगरा, नागपुर, पुणे, इंदौर और सूरत सहित अन्य कई टियर-2 शहरों में मेट्रो को मंजूरी मिली है।

जानकारी

तमिलनाडु सरकार की नाराजगी

तमिलनाडु सरकार का कहना है कि केंद्र ने अन्य राज्यों की तरह उनके लिए दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई? अधिकारियों ने कहा कि समान नीति मानदंड समान लागू होना चाहिए, विशेषकर इसलिए क्योंकि कई शहरों को जनसंख्या आवश्यकता पूरा न करने पर भी मंजूरी मिली है।