
दिल्ली को ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति, 24,000 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाओं को मिली मंजूरी
क्या है खबर?
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के करोड़ों लोगों को जल्द ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकती है। केंद्र और दिल्ली सरकार ने राजधानी के लिए 24,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 9 प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में सुरंगें, फ्लाईओवर, मेट्रो का विस्तार और नई सड़कें शामिल हैं। इनका उद्देश्य यात्रा का समय कम करना, प्रदूषण कम करना और दिल्ली-NCR में लाखों लोगों के लिए आवागमन को सुगम बनाना है।
परियोजनाएं
मेट्रो की पिंक लाइन का होगा विस्तार
सबसे अहम परियोजना मेट्रो की पिंक लाइन का मजलिस पार्क से मौजपुर तक 12.3 किलोमीटर के विस्तार की है। यह अंतिम खंड पिंक लाइन के गोलाकार भाग को पूरा करेगा और एक मेट्रो रिंग रोड बनाएगा, जिससे यात्री बिना लाइन बदले या भीड़भाड़ वाली सड़कों पर निकले पूरे दिल्ली की यात्रा कर सकेंगे। शिव मूर्ति से वसंत कुंज तक 5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 48 को महिपालपुर और वसंत कुंज से जोड़ेगी।
एयरपोर्ट
हवाई अड्डे का सफर भी होगा आसान
दक्षिण दिल्ली में हवाई अड्डे की ओर जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक कम करने के लिए AIIMS और महिपालपुर बाईपास के बीच एक नए एलिवेटेड कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। इससे साउथ एक्सटेंशन, धौला कुआं और हवाई अड्डे के बीच आने-जाने वाले हजारों यात्रियों का सफर आसाना होगा। दिल्ली-नोएडा कॉरिडोर पर दबाव कम करने के लिए DND फ्लाईवे के आसपास अतिरिक्त अंडरपास और सर्विस रोड बनाए जाएंगे। इन परियोजनाओं को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बाहरी दिल्ली
बाहरी दिल्ली में बनेंगी ये परियोजनाएं
बाहरी दिल्ली के लिए भी कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। भारी वाहनों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए शहरी विस्तार मार्ग-II (UER-II) और गुरुग्राम-जयपुर हाईवे पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जाएंगे। रोहिणी, नरेला और बवाना को जोड़ने वाली नई सड़कों को भी मंजूरी दी गई है। इससे आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। इन परियोजनाओं का खर्च दिल्ली और केंद्र सरकार मिलकर वहन करेगी।
रेलवे
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का भी होगा विकास
योजनाओं में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास भी शामिल है। इसके तहत स्टेशन परिसर के बाहर वाहनों की आवाजाही को सुव्यवस्थित किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV से कहा, "यह कोई पैचवर्क समाधान नहीं है। हम दिल्ली में लोगों के आवागमन के तरीके को पूरी तरह से बदलने की बात कर रहे हैं। अगर हम समय पर काम करते रहे, तो यह 2027 तक शहर में ट्रैफिक की स्थिति को बदल सकता है।"