अयोध्या: राम मंदिर में भव्य ध्वजारोहण समारोह की क्या हैं तैयारियां और कौन-कौन शामिल होगा?
क्या है खबर?
भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या राम मंदिर में होने वाले भव्य ध्वजारोहण समारोह के लिए पूरी तरह से सजधज कर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (25 नवंबर) को अयोध्या पहुंचेंगे और राम मंदिर के गर्भगृह के ऊपर भगवा धर्मध्वज फहराएंगे। यह विशाल ध्वज मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने का संकेत होगा। इस भवय समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे।
तैयारी
ध्वजारोहण समारोह को लेकर क्या है तैयारी?
ANI के अनुसार, समारोह से पहले ही अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचने लगी है। देश भर से श्रद्धालु शहर पहुंच चुके हैं और मंदिर परिसर को 100 किलो फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है। आगामी ध्वजारोहण समारोह से पहले भगवान राम के दर्शन के लिए सोमवार सुबह श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और मंगलवार को इसके और अधिक बढ़ने की संभावना है। दुकानों और मकानों को भी सजाया गया है।
बनावट
कैसी है ध्वज की बनावट?
22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा यह औपचारिक ध्वज मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर के ऊपर 42 फीट ऊंचे मस्तूल पर स्थापित किया जाएगा, जो मंदिर निर्माण के पूरा होने का प्रतीक होगा। इसमें ॐ, सूर्य और कोविदारा वृक्ष के रूप में तीन प्रतीक हैं। कोविदारा वृक्ष ऋषि कश्यप द्वारा निर्मित मंदार और पारिजात वृक्षों का एक संकर वृक्ष है। सूर्य भगवान राम के सूर्यवंशी वंश का प्रतीक है, जबकि ओम शाश्वत ब्रह्मांडीय ध्वनि का प्रतिनिधित्व करता है।
डिजाइन
किसने तैयार किया है ध्वज का डिजाइन?
इस ऐतिहासिक ध्वज का डिजाइन भारतविद् ललित मिश्रा ने तैयार किया है। उन्होंने मेवाड़ के एक चित्रमय रामायण चित्र का अध्ययन करते हुए इसकी खोज की और बाद में वाल्मीकि रामायण के अयोध्या कांड में इसके संदर्भ की पुष्टि की, जिससे इस प्राचीन प्रतीक को अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत में पुनर्स्थापित करने में मदद मिली। अहमदाबाद के एक पैराशूट विशेषज्ञ द्वारा बनाए गए इस ध्वज का वजन 2 से 3 किलो के बीच है।
शिरकत
ध्वजारोहण समारोह में कौन-कौर शिरकत करेगा?
राम मंदिर ट्रस्ट के नृपेंद्र मिश्रा ने बतया कि यह सिर्फ सार्वजनिक उत्सव नहीं, बल्कि भगवान राम के सही स्थान पर विराजमान होने का प्रमाण है। ध्वज फहराने के साथ ही मंदिर में आरती और भजन कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण समारोह के लिए लगभग 6,000 मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। आमंत्रित लोगों में प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख भागवत शामिल हैं।
सीमित
सीमित रखी गई गई अतिथियों की सूची
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर और परकोटा (बाहरी दीवार) में चल रहे निर्माण कार्य के कारण अतिथियों की सूची 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तुलना में छोटी रखी गई है, जिसमें 7,500 लोग शामिल हुए थे। पूरे उत्तर प्रदेश से 500 से अधिक संतों को आमंत्रित किया है, जिनमें से कई अयोध्या से हैं, साथ ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के निवासियों को भी आमंत्रित किया गया है।
कार्यक्रम
कैसा रहेगा प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम?
प्रधानमंत्री मोदी ध्वजारोहण के लिए सुबह अयोध्या हवाई अड्डे पर उतरने के बाद हेलीकॉप्टर के जरिए साकेत यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे। इसके बाद पीएम मोदी एक भव्य रोड शो कर राम मंदिर तक पहुंचेंगे। वह सुबह 11:52 बजे से दोपहर 12:35 बजे के बीच शुभ मुहूर्त में ध्वजारोहण करेंगे। ध्वजारोहण के बाद उनका संबोधन होगा। प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे सप्त मंदिर परिसर का दौरा करेंगे। उसके बाद वह शेषावतार मंदिर और उसके बाद माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे।
तारीख
ध्वजारोहण के लिए क्यों चुनी गई 25 नवंबर की तारीख?
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने राज्य सरकार की वेबसाइट पर कहा, "25 नवंबर 2025 को श्री अयोध्या धाम का नाम एक बार फिर इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा।" इस तारीख का चयन इसके पौराणिक महत्व के कारण किया गया था। परंपरा के अनुसार, भगवान राम और सीता का विवाह त्रेता युग में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ था। इस वर्ष 25 नवंबर को पंचमी तिथि है, जो इस समारोह के लिए शुभ दिन है।