ज्ञानवापी मस्जिद मामला: ASI ने वाराणसी कोर्ट को सौंपी वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट वाराणसी जिला कोर्ट को सौंप दी है।
ASI के वकील अमित श्रीवास्तव ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को यह रिपोर्ट दी।
पिछली सुनवाई में जिला न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने ASI को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया था।
मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी और इसी दिन सभी पक्षों को सर्वे की रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
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ASI ने 4 अगस्त को शुरू किया था सर्वे
ASI ने मस्जिद परिसर में 4 अगस्त से सर्वे का काम शुरू किया था। अब तक ASI ने करीब 250 अवशेषों को जिलाधिकारी की निगरानी में लॉकर में रखा है।
कोर्ट ने 5 अक्टूबर को ASI को सर्वे के लिए 4 हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया। तब कोर्ट ने कहा था कि इससे ज्यादा अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी।
हालांकि, 30 नवंबर को भी कोर्ट ने ASI को रिपोर्ट सौंपने के लिए अतिरिक्त समय दिया था।
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मामले में कब क्या हुआ?
हिंदू पक्ष की याचिका पर वाराणसी जिला कोर्ट ने जुलाई में ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वेक्षण का आदेश दिया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उसे हाई कोर्ट जाने को कहा था, जिसके बाद मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा।
3 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी उसकी मांग खारिज कर दी और सर्वे का आदेश बरकरार रखा। इसके एक दिन बाद 4 अगस्त को सर्वे शुरू हुआ।
उद्देश्य
क्या है ASI के सर्वे का उद्देश्य?
ASI ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे किया है।
सर्वे का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद हिंदू मंदिर की संरचना पर किया गया था।
हिंदू पक्ष का दावा है कि ये मस्जिद पुराने मंदिर पर बनी हुई है, वहीं मुस्लिम पक्ष इससे इनकार करता रहा है। हिंदू पक्ष की याचिका पर ही मस्जिद परिसर का सर्वे कराया गया है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल 5 हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की जिला कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी की सालभर पूजा करने की इजाजत मांगी थी।
इसके बाद कोर्ट के आदेश पर कराए वीडियो सर्वे में वजूखाने में शिवलिंग जैसी संरचना मिली थी।
शिवलिंग जैसी संरचना मिलने के बाद हिंदू पक्ष ने मस्जिद के परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की मांग की, जिसकी 21 जुलाई को वाराणसी जिला कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी।