केजरीवाल को हिरासत में मिलेगी ये छूट, कोर्ट की CBI को चेतावनी- अति उत्साही न हो
शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया है। कल (26 जून) को CBI ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 3 दिन की रिमांड में भेज दिया गया है। हालांकि, केजरीवाल को रिमांड के दौरान कुछ रियायतें भी दी गई हैं। बता दें कि शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।
केजरीवाल को पत्नी से मिलने की अनुमति
कोर्ट ने केजरीवाल को रोजाना एक घंटे पत्नी और परिजनों से मिलने की अनुमति दी है। इसके अलावा केजरीवाल को अपना चश्मा रखने, शुगर की दवाएं साथ रखने और घर का बना खाना खाने की इजाजत भी दी है। सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने कहा कि वे सोने से पहले रोजाना गीता पढ़ते हैं। इस पर कोर्ट ने केजरीवाल को CBI हिरासत के दौरान भगवत गीता की पुस्तक भी उपलब्ध कराने को कहा।
कोर्ट की CBI को सलाह- अति उत्साही न हो
कोर्ट ने कहा, "जांच करना CBI का विशेषाधिकार है, लेकिन कानून में कुछ सुरक्षा उपाय दिए गए हैं। मामले के इस चरण में गिरफ्तारी को अवैध नहीं कहा जा सकता। केजरीवाल को CBI की हिरासत में इसलिए भेजा जा रहा है, क्योंकि जांच के दौरान आरोपी की गिरफ्तारी, उसे सौंपी गई भूमिका और सबूतों के साथ उसका सामना करने की आवश्यकता है। हालांकि, एजेंसी को अति उत्साही नहीं होना चाहिए।"
केजरीवाल ने कहा- CBI मामले को सनसनीखेज बना रही
केजरीवाल ने कोर्ट से कहा, "CBI सूत्रों के माध्यम से मीडिया में यह चलाया जा रहा है कि मैंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाला दिया है। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि सिसोदिया या कोई और दोषी है। मैंने कहा है कि सिसोदिया निर्दोष हैं, आम आदमी पार्टी (AAP) निर्दोष है, मैं निर्दोष हूं। उनकी पूरी योजना मीडिया में हमें बदनाम करने की है। ये सब CBI सूत्रों के माध्यम से मीडिया में चलाया गया है।"
कोर्ट में CBI ने क्या कहा?
CBI ने कहा, "केजरीवाल ने कथित तौर पर तत्कालीन YSR कांग्रेस सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी से शराब कारोबार के लिए समर्थन का आश्वासन देते हुए AAP को फंडिंग देने को कहा था। केजरीवाल शराब नीति की आपराधिक साजिश के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं। यह पता चला है कि केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर मार्च, 2021 से विभिन्न शराब निर्माताओं और व्यापारियों से संपर्क कर रहे थे। AAP को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली।"
क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।