अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित किया गया, पंजाब में 20 मार्च तक इंटरनेट बंद
पंजाब पुलिस ने 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया है और उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस के अभियान के तहत अमृतपाल के 78 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 9 हथियार भी बरामद हुए हैं। वहीं पंजाब में 20 मार्च तक इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि शनिवार दोपहर को अमृतपाल को हिरासत में लिए जाने की खबर सामने आई थी।
अमृतपाल का करीबी गुरुग्राम से गिरफ्तार
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के करीबी सहयोगी दलजीत सिंह कलसी को हरियाणा के गुरूग्राम से गिरफ्तार किया है। कलसी अमृतपाल की गतिविधियों के खर्चे का हिसाब-किताब रखता है। बता दें कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था, जिसमें 7 जिलों के पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस ने अमृतपाल के काफिले का पीछा भी किया था, लेकिन वह रास्ते में ही फरार हो गए थे।
असम लाए गए अमृतपाल के 4 साथी
पंजाब पुलिस की एक टीम अमृतपाल के 4 साथियों को भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से असम के डिब्रूगढ़ लाई है। बतौर रिपोर्ट्स, ऐसा सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है। 27 सदस्यीय टीम का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक (IG) जेल कर रहे हैं।
कैसे फरार हो गए अमृतपाल सिंह?
बतौर रिपोर्ट्स, पुलिस ने अमृतपाल के उनके पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा से निकलने का इंतजार किया था। अमृतपाल मर्सिडीज में सवार थे और पुलिस ने अमृतपाल के काफिले का पीछा किया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक पुलिस चौकी पर रोके जाने पर अमृतपाल को उनका पीछा किए जाने का शक हुआ था, जिसके बाद वह फरार हो गए। बता दें कि सोशल मीडिया पर एक तेज रफ्तार से जा रही एक कार का वीडियो भी सामने आया है।
पंजाब पुलिस ने की लोगों से शांति बनाए रखने की अपील
पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों से अनुरोध है कि वे अफवाहों पर ध्यान ना दें। पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों से बचने के लिए भी कहा।
पुलिस ने ली घर की तलाशी- अमृतपाल के पिता
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने ANI को बताया कि पुलिस ने उनके घर की करीब 3-4 घंटे तक तलाशी ली थी, लेकिन उन्हें कुछ भी अवैध नहीं मिला। उन्होंने कहा, "हमारे पास अमृतपाल के बारे में कोई जानकरी नहीं है। पुलिस को उसे घर से निकलने से पहले ही गिरफ्तार कर लेना चाहिए था। पुलिस ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा है।" पुलिस को सूचना मिली थी कि अमृतपाल शाहकोट-मलसियां इलाके में कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं।
WSO ने की पंजाब पुलिस की कार्रवाई की निंदा
कनाडा की वर्ल्ड सिख आर्गेनाइजेशन (WSO) ने अमृतपाल के खिलाफ की जा रही पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है। संगठन ने कहा कि हिरासत में लेकर अमृतपाल का फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है और पंजाब पुलिस ने इस रणनीति का इस्तेमाल 80 और 90 के दशक में सिख कार्यकर्ताओं को खत्म करने के लिए किया था। WSO ने कनाडा सरकार से मुद्दा उठाने की मांग भी की है।
खुफिया एजेंसियों ने पंजाब पुलिस को किया था अलर्ट
पिछले दिनों खुफिया एजेंसियों ने शक जताया था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) अमृतपाल की फंडिंग कर रही है। ऐसे में पंजाब में ISI समर्थित खालिस्तानी समूह सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ सकते हैं। एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में पंजाब पुलिस को पंजाब-जम्मू सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए कहा था। इसमें आशंका जताई गई थी कि ISI पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों की खेप भेज सकती है।
कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल सिंह का जन्म अमृतसर के जादूखेड़ा गांव में हुआ है। शुरुआती पढ़ाई के बाद वे दुबई चले गए और ट्रांसपोर्ट का कामकाज करने लगे। वे पिछले साल ही दुबई से लौटे हैं और अपनी दमदार भाषण शैली की वजह से जल्द ही लोकप्रिय हो गए। उन्हें पिछले साल ही 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख चुना गया था। अमृतपाल सिंह की तुलना खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले से भी की जाती है और उन्हें 'भिंडरांवाले 2.0' कहा जाता है।