'आदिपुरुष' पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- हिंदुओं की सहिष्णुता की परीक्षा क्यों ली जा रही
क्या है खबर?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिल्म 'आदिपुरुष' के आपत्तिजनक संवादों और किरदारों के विवादित चित्रण के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इसके निर्माताओं को फटकार लगाई है।
हाई कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म के लोगों की सहिष्णुता की परीक्षा क्यों ली जा रही है।
कोर्ट ने फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला को भी नोटिस जारी करते हुए एक हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
सुनवाई
हाई कोर्ट बोली- फिल्म के संवाद एक गंभीर मुद्दा
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, "अगर हम लोग इस पर भी आंख बंद कर लें क्योंकि यह कहा जाता है कि इस धर्म (हिंदू) के लोग बड़े सहिष्णु (सहनशील) हैं तो क्या उसकी परीक्षा ली जाएगी।"
कोर्ट ने आगे कहा, "लोग अपने धार्मिक ग्रंथों को लेकर संवेदनशील होते हैं और इस वजह से ही याचिका दाखिल की गई है। जिस तरह से फिल्म में संवाद लिखे गए हैं, यह एक बड़ा गंभीर मुद्दा है।"
सुनवाई
हाई कोर्ट ने और क्या कहा?
जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की पीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा, "यह तो अच्छा है कि यह एक ऐसे धर्म के बारे में है, जिसके मानने वालों ने कानून और व्यवस्था को लेकर कोई समस्या खड़ी नहीं की। हमें शुक्रगुजार होना चाहिए।"
कोर्ट ने आगे कहा, "हमने समाचारों में देखा कि कुछ लोग सिनेमा हॉल गए थे और उन्होंने सिर्फ हॉल बंद करने के लिए मजबूर किया। वे सभी और कुछ भी कर सकते थे।"
बयान
सेंसर कोर्ट को निभानी चाहिए थी अपनी जिम्मेदारी- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए फिल्म को लेकर कुछ करना चाहिए था। कोर्ट ने कहा, "फिल्म में भगवान हनुमान और माता सीता को बिल्कुल अलग तरीके से दिखाया गया है। इन चीजों को शुरू से ही हटा देना चाहिए था।"
हाई कोर्ट ने कहा कि फिल्म के कुछ दृश्य वयस्क श्रेणी के प्रतीत होते हैं और इस तरह की फिल्मों को देखना बहुत मुश्किल है।
याचिका
याचिका में संवादों को बताया गया था बेतुका
'आदिपुरुष' के खिलाफ दाखिल याचिका में मुंतशिर द्वारा लिखे गए संवादों को बेतुके और गंदे बताया गया था और पूरे मामले में मुंतशिर को प्रतिवादी बनाने की अपील की गई थी।
याचिका में कहा गया था, "मनोज मुंतशिर ने सबसे पुरानी सभ्यता की समृद्ध संस्कृति और सनातन संस्कृति पर हमला किया है। फिल्म के संवाद लिखते हुए उन्होंने हमारे देवताओं की भाषा को खराब किया है। उन्होंने हमारे देवों के चरित्र को क्षति पहुंचाई है।"
विरोध
फिल्म को लेकर छिड़ा पूरा विवाद क्या है?
'आदिपुरुष' को लेकर मुख्य विवाद इसके संवादों और किरदारों के गलत चित्रण को लेकर है। लोगों का आरोप है कि फिल्म के किरदारों को बेहद अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है।
उदाहरण के लिए, फिल्म में भगवान हनुमान का एक संवाद है- 'कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का और जलेगी भी तेरे बाप की।' इस समेत ऐसे ही अन्य संवादों को लेकर काफी विरोध हुआ है, जिसके बाद कुछ संवादों को बदल दिया गया।