
हवाई अड्डों पर गंदगी या सामान मिलने में देरी पर लगेगा जुर्माना, सरकार बना रही नियम
क्या है खबर?
भारत के हवाई अड्डों का मूल्यांकन जल्द ही इस आधार पर किया जाएगा कि वे यात्रियों को कितनी अच्छी सुविधाएं देते हैं। सामान मिलने में देरी, शौचालयों में गंदगी और चेक-इन या सुरक्षा जांच में लगने वाले समय के आधार पर हवाई अड्डों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। जो हवाई अड्डे इन पैमानों पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें इनाम भी मिलेगा। भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (AERA) इसके लिए नई योजना पर काम कर रहा है।
प्रस्ताव
क्या है AERA का प्रस्ताव?
AERA यात्रियों से वसूले जाने वाले यूजर डेवलपमेंट फीस (UDF) को हवाई अड्डों पर दी जाने वाली सेवा की गुणवत्ता से जोड़ने जा रहा है। AERA का कहना है कि यात्रियों को उनकी पसंद का हवाई अड्डा चुनने का अधिकार नहीं होता और उन्हें उसी हवाई अड्डे का इस्तेमाल करना पड़ता है जो उनके शहर में है। इसलिए UDF न केवल बुनियादी ढांचे की लागत को दर्शाता है, बल्कि यात्रियों को मिलने वाली सेवाओं की गुणवत्ता को भी दर्शाता है।
हवाई अड्डे
किन-किन हवाई अड्डों पर लागू होगा नियम?
रिपोर्ट के मुताबिक, सालाना 35 लाख से ज्यादा यात्रियों को संभालने वाले सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर ये नियम लागू होंगे। प्रस्तावित प्रणाली के तहत, मानकों को पूरा करने में विफल रहने वाले हवाई अड्डों को UDF में कमी के रूप में परिणाम भुगतने होंगे। दूसरी ओर, अच्छा प्रदर्शन करने पर हवाई अड्डों को प्रोत्साहन मिल सकता है, जिससे वे निरंतर सुधार करने के प्रयास करेंगे। AERA ने हवाई अड्डों की तीसरे पक्ष से ऑडिट की सिफारिश भी की है।
पैमाने
किन पैमानों पर होगी हवाई अड्डों का मूल्यांकन?
AERA ने चेक-इन, सुरक्षा और इमिग्रेशन काउंटरों पर लगने वाला समय, शौचालयों की सफाई, सामान प्रबंधन की दक्षता और ट्रॉलियों, व्हीलचेयर और साइनेज जैसी यात्री सुविधाओं की उपलब्धता जैसे कई पैमानों का एक समान सेट प्रस्तावित किया है। इसके अलावा तकनीक-संचालित निगरानी, जैसे कि ऑटोमेटिक क्यू टाइम ट्रैकिंग और डिजी यात्रा के जरिए बायोमेट्रिक एंट्री को विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए मैन्युअल जांच के साथ जोड़ा जाएगा। यात्रियों के अनुभवों और फीडबैक को भी सर्वे के जरिए शामिल किया जाएगा।
सुझाव
AERA ने मांगे सुझाव
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस मामले पर AERA को जनता से सुझाव और प्रतिक्रिया लेने का निर्देश दिया है। 24 सितंबर तक ये सुझाव दिए जा सकेंगे। AERA 9 सितंबर को हितधारकों के साथ परामर्श भी करेगा। एक बार रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद मंत्रालय AERA अधिनियम के तहत इन नियमों को अधिसूचित करेगा, जिससे हवाई अड्डों के लिए सेवा की गुणवत्ता कानूनी दायित्व बन जाएगी। इसके बाद कई यात्री सुविधाएं बेहतर होने की उम्मीद है।