
अहमदाबाद विमान हादसे की जांच कहां तक पहुंची, किन-किन पहलुओं पर गौर कर रहे हैं जांचकर्ता?
क्या है खबर?
12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में 274 लोगों की मौत हो गई थी। एयर इंडिया का ये विमान लंदन जा रहा था और उड़ान भरने के एक मिनट के भीतर ही दुर्घटना का शिकार हो गया था। अब जांचकर्ता हादसे की पीछे की संभावित वजहों का पता लगा रहे हैं। इसके लिए विमान के ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और कुछ देशों के तकनीकी जानकार भी मदद कर रहे हैं।
हादसा
कैसे हुआ था हादसा?
एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। लगभग आधे मिनट तक हवा में रहने के बाद विमान नजदीक स्थिति मेडिकल कॉलेज के छात्रावास की इमारत से टकरा गया था। घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान के पहिए बाहर थे और ऊपरी हिस्सा उठा हुआ था। फ्लाइटराडार के अनुसार, विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा था।
वीडियो
वीडियो देखकर क्या संभावित निष्कर्ष निकाल रहे हैं जानकार?
स्काय न्यूज से बात करते हुए ब्रिटिश एयरवेज के पूर्व पायलट एलेस्टेयर रोसेनशेन और रॉयल एयरोनॉटिकल सोसाइटी के विमानन सुरक्षा विश्लेषक पॉल एडवर्ड्स ने बताया कि विमान का लैंडिंग गियर लगा होना चाहिए था, जो एक रहस्य बना हुआ है। रोसेनशेन ने विमान के फ्लैप्स पर सवाल उठाते हुए कहा कि शायद वे सही से सेट नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि फ्लैप्स पंख के आकार को बढ़ाते हैं और कम गति पर उड़ान के लिए जरूरी एंगल बनाते हैं।
पक्षी
क्या विमान से टकराया पक्षी?
जानकारों ने कहा कि ये 2 इंजन वाला विमान है और एक इंजन से भी उड़ान भरने में सक्षम है, इसलिए पक्षी के टकराने से हादसा होने की संभावना बेहद कम है। समाचार एजेंसीरॉयटर्स ने बताया कि जांचकर्ता पक्षी टकराने की स्थिति की जांच नहीं कर रहे हैं। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के पूर्व महानिदेशक अरबिंदो हांडा नेस्काय न्यूज से कहा, "घटना के कारणों के बारे में कोई भी सिद्धांत अभी पूरी तरह से अटकलें हैं।"
ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स की जांच कहां तक पहुंची है?
द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, ब्लैक बॉक्स का डेटा निकालने के लिए अमेरिका भेजा जा सकता है। हांडा ने कहा, "जांचकर्ताओं को ब्लैक बॉक्स बरामद करने में एक दिन से अधिक समय लगा, ऐसा इसलिए हुआ होगा क्योंकि विमान बुरी तरह जल गया था। ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण करने में कुछ समय लगेगा। DFDR को फीडबैक देने वाले सैकड़ों घटक और उपकरण हैं, सभी नियंत्रण सेवाएं, इंजन के तकनीकी पहलू सब कुछ इसमें शामिल है।"
समय
जांच में कितना समय लगेगा?
ऐसे हादसों में जांचकर्ता संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित जांच के मानकों का पालन करते हैं। इसमें कहा गया कि किसी बड़ी दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के मामले में 30 दिनों के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट प्रकाशित की जानी चाहिए, लेकिन ये जरूरी नहीं है। हांडा ने कहा, "यह सिर्फ दुर्घटना के कारण का पता लगाने का मामला नहीं है, बल्कि उन घटनाओं की श्रृंखला को उजागर करने का भी मामला है जिनके कारण यह हादसा हुआ है।"