#NewsBytesExplainer: अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्री का भारत दौरा कितना अहम है?
क्या है खबर?
भारत और अफगानिस्तान के तालिबान शासन के बीच संबंध सामान्य होते जा रहे हैं। पहले तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भारत का अहम दौरा किया था। अब अफगान तालिबान के वाणिज्य और उद्योग मंत्री नूरुद्दीन अजीजी 5 दिनों के दौरे पर भारत पहुंचे हैं। यह किसी अफगान तालिबान मंत्री की दूसरी उच्चस्तरीय भारत यात्रा है, जो विदेश मंत्री मुत्तकी की यात्रा के कुछ ही दिनों बाद हो रही है।
दौरा
कैसा रहेगा अजीजी का दौरा?
अजीजी का दौरा 19 नवंबर से शुरू होकर 5 दिन तक चलेगा। इस दौरान वे अपने भारतीय समकक्ष पीयूष गोयल, अन्य अधिकारियों और व्यापारिक समुदाय से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों में व्यापारिक सहयोग बढ़ाने, एयर कार्गो और चाबहार पोर्ट के उपयोग को लेकर चर्चा होगी। अफगानिस्तान का लक्ष्य भारत के साथ व्यापार को वर्तमान के 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 2-3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है।
अहमियत
कितना अहम है दौरा?
अजीजी की ये यात्रा ऐसे वक्त हो रही है, जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंधों में भारी तनाव है। दोनों देश हाल ही में एक-दूसरे पर भीषण हमले कर चुके हैं। इसके अलावा चाबहार बंदरगाह को लेकर भी अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में तालिबान भारत और ईरान से नजदीकी बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के साथ संबंधों के लिहाज से भी भारत के लिए तालिबान से नजदीकी अहम मानी जा रही है।
वजह
भारत के नजदीक क्यों आ रहा है तालिबान?
न्यूज18 से बात करते हुए सूत्रों ने कहा, "पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद होने के बाद अफगान तालिबान शासन ईरान और भारत की ओर रुख कर रहा है। काबुल ईरान में चाबहार बंदरगाह और काबुल और नई दिल्ली के बीच व्यापारिक हवाई पुल का अधिकतम उपयोग चाहता है।" दरअसल, अफगानिस्तान-पाकिस्तान में संघर्ष के बाद तूरखम सीमा से व्यापार पूरी तरह बंद हो गया है। इसलिए अफगानिस्तान चाबहार के जरिए और भारत के साथ हवाई मार्ग से व्यापार बढ़ा रहा है।
किराया
अफगानिस्तानी एयरलाइन ने आधे से भी कम किया किराया
अजीजी का यात्रा से ठीक पहले अफगानिस्तान की एरियाना एयरलाइन ने काबुल-दिल्ली कार्गो मार्ग पर किराया आधे से भी ज्यादा कम कर दिया है, ताकि व्यापारियों को आसानी हो और व्यापार बढ़ सके। एयरलाइन ने कहा था कि ये छूट केवल भारत के लिए है। भारत और अफगानिस्तान के बीच फिलहाल ज्यादातर व्यापार एयर कार्गो और चाबहार के जरिए होता है। तूरखम सीमा बंद होने के बाद यह दोनों रास्ते और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं।
मुत्तकी का दौरा
मुत्तकी के दौरे के दौरान हुए थे कई समझौते
मुत्तकी ने 9 से 16 अक्टूबर तक भारत यात्रा की थी, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों की नई शुरुआत माना गया था। तब मुत्तकी ने उत्तर प्रदेश के देवबंद मदरसे का दौरा किया और दिल्ली में व्यापारिक बैठकें की थीं। मुत्तकी ने कहा था कि अफगानिस्तान की जमीन भारत के खिलाफ उपयोग नहीं होगी। इसके बाद भारत ने कहा था कि वो काबुल में दोबारा दूतावास खोलेगा और खनन और जलापूर्ति में भी सहयोग करेगा।
संबंध
भारत ने तालिबान के साथ कैसे विकसित किए हैं संबंध?
31 अगस्त, 2021 को कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के दोहा कार्यालय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। जून, 2022 में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान) जेपी सिंह ने तालिबानी नेताओं से मुलाकात की थी। इसी साल जनवरी में दुबई में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मुत्तकी से मुलाकात की थी। मई में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुत्तकी से फोन पर बात की थी।