
JNU में हुए हिंसक प्रदर्शन में 6 पुलिसकर्मी घायल, पुलिस ने हिरासत में लिए 28 छात्र
क्या है खबर?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शनिवार शाम निकाला गया एक विरोध मार्च उस समय हिंसक हो गया, जब वामपंथी छात्र समूहों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। यह विरोध प्रदर्शन वामपंथी समर्थित JNU छात्र संघ (JNUSU) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई थी। बता दें कि ABVP राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध छात्र संगठन है।
आरोप
JNUSU अध्यक्ष ने ABVP सदस्यों पर लगाया हमला कर बंधक बनाने का आरोप
JNUSU अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की एक बैठक के बाद ABVP के सदस्यों ने उन पर हमला किया, उन्हें बंधक बनाया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस ने कुमार, JNUSU उपाध्यक्ष मनीषा और महासचिव मुंतिया फातिमा समेत 28 छात्रों को हिरासत में लिया है। बता दें कि वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाना तक निकाले गए विरोध मार्च के दौरान हुई हाथापाई में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
आरोप
पुलिस पर छात्राओं से दुर्व्यवहार का आरोप
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बैरिकेड तोड़ने और यातायात बाधित करने का आरोप लगाया, वहीं छात्र समूहों ने हिरासत में पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने कहा कि JNUSU अध्यक्ष और अन्य लोगों के साथ दिल्ली पुलिस ने बर्बरता की। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने भी पुलिस पर अत्यधिक बल प्रयोग करने और छात्राओं के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है।
खंडन
पुलिस ने किया आरोपों का खंडन
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) अमित गोयल ने पुलिस की बर्बरता के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने बैरिकेड्स तोड़े, पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और यातायात बाधित किया। ऐसे में पुलिस ने छात्रों को हिरासत में लिया। पोस्टरों में इस प्रदर्शन को 'सामाजिक न्याय के लिए सामाजिक मार्च' बताया गया था और इसका आह्वान वामपंथी छात्रों पर हमला करने के आरोपी ABVP सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किया गया था।