NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से भारत में हर घंटे में हो रही 38 मौतें- रिपोर्ट
    अगली खबर
    फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से भारत में हर घंटे में हो रही 38 मौतें- रिपोर्ट
    भारत में फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से बढ़े प्रदूषण के कारण 2020 में हुई 3.30 लाख मौतें

    फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से भारत में हर घंटे में हो रही 38 मौतें- रिपोर्ट

    लेखन भारत शर्मा
    Oct 26, 2022
    03:59 pm

    क्या है खबर?

    कोरोना महामारी के बाद अब ग्लोबल वार्मिंग और आर्थिक संकट लोगों की मौत का कारण बन रहा है।

    रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद आए ऊर्जा संकट के बीच सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से फॉसिल फ्यूल (जीवाश्म ईंधन) में शामिल कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस की मांग बढ़ गई है।

    इसके इस्तेमाल से बढ़ते प्रदूषण से भारत में हर घंटे 38 लोगों की मौत हो रही है। स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लैंसेट की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

    चेतावनी

    रिपोर्ट में सरकारों को दी गई है चेतावनी

    रिपोर्ट में सरकारों को फॉसिल फ्यूल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति चेतावनी दी है। इसके अलावा स्वास्थ्य कार्यक्रमों को मजबूत करने की भी अपील की गई है।

    रिपोर्ट के अनुसार, फॉसिल फ्यूल पर दी जाने वाली सब्सिडी और प्राथमिकता से खाद्य असुरक्षा, संक्रामक रोग संचरण, गर्मी से संबंधित बीमारी, ऊर्जा की कमी और वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से होने वाली मौतों का खतरा बढ़ रहा है।

    मौत

    साल 2020 में भारत में हुई 3.30 लाख मौतें

    रिपोर्ट के अनुसार, फॉसिल फ्यूल के बढ़ते इस्तेमाल के कारण पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण के संपर्क में आने से साल 2020 में भारत में कुल 3.30 लाख लोगों की मौत हुई है। इसके अनुसार देश में हर घंटे 38 और हर दो मिनट में 1.2 लोगों की मौत हुई है।

    इसी तरह चीन में सबसे ज्यादा 3.80 लाख, यूरोप में 1.17 लाख और अमेरिका में 32,000 लोगों की मौत हुई। इसमें से एक तिहाई मौतें सीधे फॉसिल फ्यूल से संबंधित है।

    हालात

    कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य से दूर हैं देश

    रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर देश कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य से दूर हैं। सभी देशों ने पेरिस समझौते के तहत 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वर्तमान में यह 2010 की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है।

    यूरोप सहित कई देशों ने यूक्रेन युद्ध के बाद फॉसिल फ्यूल के उपयोग में वृद्धि की है। भारत और चीन पहले ही कोयला बिजली का उपयोग बढ़ाने की योजना बना चुके हैं।

    जलवायु

    फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से हो रहा जलवायु परिवर्तन

    रिपोर्ट के अनुसार, फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से जलवायु परिवर्तन होता है और इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और हानिकारक वायु प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण शरीर के हर प्रमुख अंग प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। इससे बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है।

    रिपोर्ट में अमेरिका में लगभग 32,000 लोगों की मौत PM2.5 प्रदूषकों के संपर्क में आने से होना बताया गया है, जो देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाल रहा है।

    खतरा

    स्वास्थ्य कार्यक्रमों की तुलना में फॉसिल फ्यूल पर मिल रही अधिक सब्सिडी

    रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर देश अभी भी अपने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की तुलना में फॉसिल फ्यूल उद्योगों को अधिक सब्सिडी दे रहे हैं।

    साल 2019 में यह 69 देशों द्वारा 400 बिलियन डालर की सब्सिडी दिए जाने का अनुमान लगाया गया था।

    इनमें भारत में 34 अरब डॉलर, चीन में सबसे अधिक 35 अरब डॉलर, अमेरिका में 20 अरब डॉलर और 15 यूरोपीय देशों की ओर से एक अरब यूरो की सब्सिडी दिए जाने का अनुमान लगाया गया है।

    सलाह

    WHO सहित विभिन्न संगठनों ने दी अहम सलाह

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन सहित 50 से अधिक संगठनों के 99 विशेषज्ञों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में वैश्विक नेताओं को स्वास्थ्य-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए अपना खर्च बढ़ाने की सलाह दी गई है। उन्होंने सरकारों से तत्काल प्रभाव से यह कदम उठाने को कहा है।

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फॉसिल फ्यूल पर सब्सिडी देने में सरकारों का वर्तमान दृष्टिकोण घातक रूप से गर्म भविष्य का रास्ता बन सकता है।

    जानकारी

    फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से है इन बीमारियों का खतरा

    रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से हृदय और फेफड़े की बीमारी, संक्रामक रोग, गर्मी के दिनों में इजाफा, गर्भावस्था के खराब परिणाम, नींद की कमी, मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और मौत होने जैसे बेहद गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

    परिणाम

    भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण नजर आ रहे हैं ये परिणाम

    फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में कई गंभीर प्रभाव दिख रहे हैं।

    इनमें चावल, गेहूं और मक्का फसल उगाने की अवधि कम हो रही है। इसी तरह 2017 से 2021 के बीच गर्मी से संबंधित मौतों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    इसी तरह साल 2021 में देश ने राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद के 5.4 प्रतिशत के बराबर संभावित रोजगार घंटे खो दिए हैं। वायु की गुणवत्ता भी खराब हो रही है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें

    ताज़ा खबरें

    हमास गाजा प्रमुख मोहम्मद सिनवार मारा गया, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने की पुष्टि हमास
    ऋतिक रोशन लेकर आ रहे ये 5 दमदार फिल्में, आपको किसका है इंतजार? ऋतिक रोशन
    'मेट्रो... इन दिनों' का पहला गाना 'जमाना लगे' जारी, अरिजीत सिंह ने दी आवाज सारा अली खान
    अंतरिक्ष में ज्यादातर चीजें क्यों दिखती हैं रंगहीन? यहां जानिए वजह अंतरिक्ष
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025