भारतीय नौसेना ने अरब सागर में तैनात किए 3 युद्धपोत, व्यापारिक जहाजों को मिलेगी सुरक्षा
अरब सागर में व्यापारिक जहाजों पर हाल के हमलों के बाद भारत सरकार अलर्ट पर है। भारतीय नौसेना ने इन व्यापारिक जहाजों की हमलों से सुरक्षा के लिए कमर कस ली है। इस कड़ी में नौसेना ने अरब सागर क्षेत्र में लंबी दूरी तक निगरानी के लिए टोही विमान P-8I के अलावा INS मोरमुगाओ, INS कोच्चि और INS कोलकाता को तैनात कर दिया है। नौसेना ने यह निर्णय व्यापारिक जहाज MV केम प्लूटो पर ड्रोन हमले के बाद लिया है।
क्या है जहाज पर हमले का मामला?
शनिवार को गुजरात के पोरबंदर तट के पास MV केम प्लूटो जहाज पर अचानक ड्रोन हमला हुआ था। इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ और जहाज पर लगी आग बुझा दी गई। ड्रोन हमले के बाद लाइबेरिया के ध्वज वाले इस जहाज को भारतीय तटरक्षक जहाज (ICGS) विक्रम की निगरानी में मुंबई बंदरगाह लाया गया है। इससे पहले अमेरिका ने दावा किया था कि इस व्यापारिक जहाज पर ड्रोन हमला ईरान ने किया था।
नौसेना ने MV केम प्लूटो जहाज का किया निरीक्षण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को ड्रोन हमले का शिकार हुए व्यापारिक जहाज MV केम प्लूटो के मुंबई बंदरगाह पहुंचने के बाद नौसेना की एक टीम ने इसका निरीक्षण किया। अधिकारियों ने कहा, "इस जहाज पर भारत के पश्चिमी तट के पास ड्रोन हमला हुआ, लेकिन हमला कहां से हुआ और इसके लिए कितनी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। यह फॉरेंसिक और तकनीकी जांच के बाद ही पता चल पाएगा।"
ईरान ने अमेरिका के दावों को किया खारिज
सोमवार को ईरान ने अमेरिका के इस दावे को खारिज कर दिया कि उसने पश्चिमी तट पर अरब सागर में व्यापारिक जहाज MV केम प्लूटो पर हमला किया। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका के सभी आरोप निराधार हैं। बता दें कि यह पहली बार है जब अमेरिका ने इजरायल-हमास युद्ध के बीच ईरान पर हिंद महासागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने का सीधा-सीधा आरोप लगाया था।
इजरायल-हमास युद्ध के कारण हो रहे हमले
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के समन्वयक कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा नकदी ने चेतावनी दी कि जब तक इजरायल-हमास युद्ध नहीं रुकता, तब तक अन्य जलमार्गों को जबरन बंद कर दिया जाएगा। इस बीच यमन के हूती विद्रोहियों भी हमास के समर्थन में लगातार लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने लाल सागर में 100 से अधिक हमले किए हैं, जिसमें 35 से अधिक विभिन्न देशों के 10 व्यापारिक जहाजों को नुकसान पहुंचा है।