तमिलनाडु: जल्लीकट्टू के दौरान सांडों ने नाबालिग समेत 2 को मौत के घाट उतारा
तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में बुधवार को जल्लीकट्टू के मौके पर सांडों ने खेल के दौरान एक नाबालिग समेत 2 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। NDTV के मुताबिक, दोनों खेल का हिस्सा नहीं थे, बल्कि दर्शक बनकर भीड़ में मौजूद थे। इसी दौरान सांड उनसे टकरा गए, जिससे दोनों बुरी तरह घायल हो गए। बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया। बता दें कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के दौरान पहले भी कई हादसे हो चुके हैं।
एक दिन पहले घायल हुए थे 42 लोग
बुधवार को ही मदुरै जिले में अलंगनल्लूर जल्लीकट्टू कार्यक्रम में 2 लोग घायल हो गए। इसमें एक पुलिसकर्मी और एक बैल मालिक शामिल है। एक दिन पहले मदुरै के पलामेडु में भी हादसा हुआ था। इस दौरान 14 पशु प्रशिक्षक और 16 दर्शकों समेत करीब 42 लोग घायल हो गए थे। पोंगल पर होने वाला जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है। इसमें सांड को वश में करने के लिए लोगों का समूह अखाड़े में उतरता है।
जल्लीकट्टू पर कई बार लग चुका है प्रतिबंध
मद्रास हाई कोर्ट ने 2006 में पहली बार जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाया था। राज्य सरकार इस प्रतिबंध को अप्रभावी करने के लिए 2009 में कानून लाई। 2011 में केंद्र सरकार ने पशुओं के प्रदर्शन पर पाबंदी की सूची में सांडों को रखा तो खेल पर रोक लगी। इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में खेल रोक दिया। पर्यावरण मंत्रालय ने 2016 में 2011 की अधिसूचना रद्द की। तमिलनाडु सरकार ने 2017 में कानून संशोधन कर खेल फिर शुरू किया।