
1984 सिख विरोधी दंगे में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर आरोप तय, हत्या का मुकदमा चलेगा
क्या है खबर?
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज (30 अगस्त) को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कांग्रेस नेता के खिलाफ हत्या और दंगे सहित अन्य धाराओं में आरोप तय किए हैं।
बता दें कि इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने टाइटलर के खिलाफ अगस्त, 2023 में चार्जशीट दाखिल की थी।
मामला
क्या है मामला?
यह मामला दिल्ली के पुलबंगश इलाके में 3 सिखों की हत्या और गुरुद्वारा साहिब में आग लगाने के आरोप से जुड़ा है।
दरअसल, 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश में एक भीड़ ने आग लगा दी थी और सरदार ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह नामक 3 लोगों के गले में टायर डालकर आग लगा दी थी।
घटना में तीनों सिख मारे गए थे। मामले में टाइटलर पर भीड़ को उकसाने के आरोप हैं।
चार्जशीट
CBI ने चार्जशीट में क्या कहा है?
CBI ने कहा था कि टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था। CBI ने 2 गवाहों के बयानों का भी उल्लेख किया था। एक गवाह ने कहा कि उसने टाइटलर को कार से निकलते और भीड़ को उकसाते हुए देखा था।
CBI ने टाइटलर के भाषण के ऑडियो क्लिप को CFSL लैब में जांच के लिए भी भेजा था।
टाइटरल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाना) और 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं।
अग्रिम जमानत
टाइटलर को मिल चुकी है अग्रिम जमानत
इस मामले में टाइटलर को राउज एवेन्यू कोर्ट से ही पिछले साल अग्रिम जमानत मिल चुकी है। कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। बिना अनुमति टाइटलर के देश से बाहर जाने पर रोक लगी हुई थी।
हालांकि, कोर्ट के इस फैसले का काफी विरोध भी हुआ था। सिख समुदाय ने कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया था और टाइटलर पर सख्त धाराओं में मुकदमा चलाने की मांग की थी।
दंगे
क्यों भड़के थे दंगे?
दरअसल, 1970 के दशक में खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले ने अपने कुछ स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद 5 जून, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत सेना को स्वर्ण मंदिर में भेज भिंडरावाले और उसके समर्थकों को मार गिराया था।
इसका बदला लेने के लिए इंदिरा गांधी के 2 सिख सुरक्षाकर्मियों ने उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद देश में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे।