दिल्ली: गैंगरेप के शिकार 10 वर्षीय लड़के की मौत, निजी अंगों में डाली गई थी रॉड
दिल्ली के सीलमपुर इलाके में गैंगरेप और बर्बरता का शिकार हुए 10 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है। उसने आज सुबह दिल्ली सरकार के लोकनायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में चोटों की वजह से दम तोड़ दिया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टरों ने कहा कि पीड़ित के घाव इतने बर्बर थे कि उन्हें 2012 के निर्भया गैंगरेप केस की याद आ गई। पीड़ित का गैंगरेप करने वाले तीनों आरोपी उसके दोस्त थे और सभी 10-12 साल के हैं।
18 सितंबर को हुई थी वारदात
पुलिस के अनुसार, 18 सितंबर की रात को पीड़ित बच्चा सीलमपुर स्थित अपने घर के बाहर खेल रहा था। तभी उसके तीन दोस्त उसे उठाकर अपने साथ ले गए और सुनसान जगह पर जाकर बारी-बारी से उसका रेप किया। जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो उन्होंने रॉड और ईंटों से उस पर हमला कर दिया और उसकी निजी अंगों में रॉड डाल दी, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद आरोपी उसे मृत समझकर सड़क किनारे छोड़कर चले गए।
पीड़ित को 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 22 सितंबर को अचानक से पीड़ित की तबीयत खराब होने पर उसके परिजनों ने उसे LNJP अस्पताल में भर्ती कराया और इसी के बाद पूरी वारदात सामने आई। LNJP अस्पताल के प्रशासन ने सीलमपुर पुलिस को फोन कर पीड़ित बच्चे को भर्ती कराए जाने की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे के परिजनों से मुलाकात की। हालांकि परिजनों ने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया।
पीड़ित की मां ने किया कर्ज चुकाने में देरी के कारण रेप किए जाने का दावा
पुलिस की तमाम कोशिशों और काउंसलिंग के बाद आखिरकार 24 सितंबर को परिजन शिकायत दर्ज कराने को तैयार हो गए। पीड़ित की मां ने शिकायत में कहा कि उनके बेटे के तीन दोस्तों ने उसके साथ एक कर्ज को लेकर कुकर्म किया जिसे चुकाने में परिवार को देरी हो रही थी। उन्होंने पीड़ित के निजी अंगों में रॉड डाले जाने का आरोप भी लगाया। दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस को नोटिस जारी किया।
पुलिस ने लगाया POCSO, दो आरोपी गिरफ्तार
पीड़ित की मां की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले में IPC की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रावधानों के तहत FIR दर्ज की। दो आरोपी बच्चों को गिरफ्तार करके किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया जा चुका है, वहीं तीसरे आरोपी की तलाश की जा रही है। एक आरोपी पीड़ित का चचेरा भाई बताया जा रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के अपने ऐतिहासिक फैसले में धारा 377 के तहत समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, लेकिन इस धारा के अन्य दंडनीय प्रावधान अभी भी लागू हैं। दिल्ली के बच्चे के साथ कुकर्म का मामला इसी धारा के अंतर्गत अप्राकृतिक संबंध की श्रेणी में आता है। धारा 377 के तहत आने वाले अपराधों में उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। POCSO में भी उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।