कोरोना से ठीक होने के बाद कोवैक्सिन की एक खुराक लेना दो के बराबर- अध्ययन
क्या है खबर?
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक शुरुआती अध्ययन में स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सिन को लेकर अहम जानकारी सामने आई है।
अध्ययन में पाया गया है कि कोवैक्सिन की एक खुराक कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में उतनी ही एंटीबॉडीज पैदा करती है, जितनी संक्रमण से बचे लोगों में इसकी दो खुराकों से बनती हैं।
शुरुआती अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है और इसकी पुष्टि के लिए बड़े स्तर पर अध्ययन की जरूरत है।
कोवैक्सिन
कैसे महत्वपूर्ण हैं ये नतीजे?
अगर बड़े अध्ययन में नतीजों की पुष्टि हो जाती है तो यह देश में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार और कवरेज का दायरा बढ़ाने में अहम साबित हो सकता है।
अध्ययन के नतीजों वाला पेपर इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में छपा हैं।
कोवैक्सिन की खुराक लेने वाले स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मियों पर यह अध्ययन किया गया था। इनमें वैक्सीन लगवाने के दिन, 28वें दिन और 56वें दिन एंटीबॉडीज के स्तर की जांच की गई।
वैक्सीनेशन
संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के लिए काफी होगी एक खुराक
पेपर में लिखा गया है कि अगर ये नतीजे बड़े अध्ययन में भी ऐसे ही रहते हैं तो कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके लोगों के लिए कोवैक्सिन की एक खुराक की सिफारिश की जा सकती है ताकि अभी तक सीमित आपूर्ति के कारण वैक्सीन से दूर रहे लोगों को इसकी खुराकें दी जा सकें।
हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि नए वेरिएंट्स के खतरों के देखते हुए आगे चलकर इस वैक्सीन की दो खुराकें लेना बेहतर होगा।
जानकारी
फिलहाल दी जा रहीं कोवैक्सिन की दो खुराकें
हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन को तैयार किया है। यह देश की पहली स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन है और फिलहाल इसकी 4-6 सप्ताह के अंतराल पर दो खुराकें दी जाती हैं।
ट्रायल
महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है कोवैक्सिन
भारत बायोटेक की ओर से 3 जुलाई को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम जारी किए थे।
इसमें कहा गया था कि कोवैक्सीन महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत, हल्के और मध्यम लक्षणों के खिलाफ 78 प्रतिशत, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65 प्रतिशत और बिना लक्षणों वाले मरीजों पर 63 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
कंपनी ने देशभर के 25 अस्पतालों में 18-98 साल के 25,800 वॉलेंटियर्स पर वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किया था।
कोवैक्सिन
अगले महीने मिल सकती है WHO से हरी झंडी
कोवैक्सिन को अगले महीने के मध्य तक WHO से हरी झंडी मिल सकती है।
WHO की प्रमुख विज्ञानी सौम्या स्वामीनाथन ने बताया था कि भारत बायोटेक ने जुलाई के तीसरे सप्ताह में आंकड़ों का पहला सेट सौंपा और अगस्त के मध्य में अपडेटेड सेट आया था।
इसके बाद तकनीकी समिति ने कंपनी से कुछ और जानकारी मांगी है। सितंबर के पहले 10 दिनों में तकनीकी समिति की बैठक है, जिसमें कोवैक्सिन को हरी झंडी मिल सकती है।
कोरोना वैक्सीनेशन
देश में वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
भारत में पिछले कुछ दिनों से वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार पकड़ रहा है और देश की आधी से ज्यादा व्यस्क आबादी को कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है।
देश में अब तक कुल 63,09,17,927 खुराकें लगाई जा चुकी हैं, जिनमें से 73,85,866 खुराकें बीते दिन लगाई गईं।
जनवरी में वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत के बाद शुक्रवार को देश में पहली बार एक करोड़ से अधिक लोगों को खुराकें दी गई थीं।