क्या है कपिंग थेरेपी और यह क्यों हो रही लोकप्रिय? विशेषज्ञ से जानें फायदे और नुकसान
इस समय कपिंग थेरेपी बहुत ट्रेंड में हैं, लेकिन यह नई नहीं है। इसका इस्तेमाल काफी लंबे समय से होता आ रहा है। इसके बाद भी बहुत से लोग इससे अनजान हैं और कुछ लोगों इससे जुड़े कई तरह के भ्रम के चलते इस थेरेपी को अपनाने से डरते हैं। ऐसे में न्यूजबाइट्स हिंदी ने हाल ही में कपिंग थेरेपिस्ट डॉक्टर व्योम सिंह बोलिया से इस पर बात की, जिसमें उन्होंने कपिंग थेरेपी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं।
क्या है कपिंग थेरेपी और इससे जुड़े वैज्ञानिक प्रमाण?
डॉ बोलिया ने बताया कि कपिंग थेरेपी 3000 साल से भी पुरानी चिकित्सा पद्धति है। मिस्र और चीन जैसे देशों में इसका अधिक बोलबाला रहा है। वहां प्राचीन समय में भैस के सींगों से यह थेरेपी की जाती थी। उन्होंने बताया कि अब इसके लिए एक थेरेपिस्ट अलग-अलग तरह के खास कप को कुछ मिनटों के लिए व्यक्ति की त्वचा पर छोड़कर समस्या का इलाज करते हैं। कई वैज्ञानिक शोध के मुताबिक तो कपिंग थेरेपी का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कपिंग थेरेपी के लिए इस्तेमाल होते हैं ये कप
डॉ बोलिया ने बताया कि कपिंग थेरेपी के लिए कई तरह के कप का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें फाइबर, कांच, बांस और सिलिकॉन के कप शामिल होते हैं। ये थेरेपी की प्रभावशीलता में इजाफा करते हैं।
कितने प्रकार की होती है कपिंग थेरेपी?
1) ड्राई कपिंग थेरेपी के लिए थेरेपिस्ट व्यक्ति की परेशानी वाली जगह पर कप रखकर वैक्यूम क्रिएट करते हैं। इससे त्वचा ऊपर उठ जाती है और इसमें खून त्वचा से बाहर नहीं आता है। 2) वेट कपिंग थेरेपी के लिए थेरेपिस्ट पहले ड्राई कपिंग थेरेपी करते हैं। इसके बाद प्रभावित हिस्से पर सर्जीकल सुई से थोड़ा कट मारकर उस पर कप रखते है, जो शरीर के टॉक्सिन युक्त खून को निकालने के साथ समस्या का प्रभाव कम करता है।
कितनी सुरक्षित है कपिंग थेरेपी?
डॉ बोलिया के मुताबिक, कपिंग थेरेपी एक सुरक्षित थेरेपी उस ही स्थिति में होती है, जब आप इसके लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेते हैं। उन्होंने कहा, "इससे मेरा मतलब है कि जिस थेरेपिस्ट को लगभग 5-6 साल का अनुभव हो, उसी से कपिंग थेरेपी करवानी चाहिए। दरअसल, कुछ मामलों में कपिंग थेरेपी नहीं दी जाती है और यह बात अनुभवी थेरेपिस्ट जानते हैं, ताकि किसी भी तरह के नुकसान की संभावना न हो।"
कपिंग थेरेपी के फायदे
डॉ बोलिया का कहना है कि कपिंग थेरेपी शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में काफी मदद करती है। कई तरह के शारीरिक दर्द, सूजन, त्वचा संबंधित समस्याएं, बालों से जुड़ी परेशानियां आदि के इलाज के लिए कपिंग थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह थेरेपी शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद कर सकती है। खासकर, वेट कपिंग थेरेपी से क्योंकि उसमें निकलने वाला खून टॉक्सिन युक्त होता है।
क्या कपिंग थेरेपी मंहगी होती है?
डॉ बोलिया ने कहा, "देश में आपको कपिंग थेरेपी का एक सेशन 500 रुपये से 5,000 रुपये तक पड़ सकता है। मैं अपने पेशेंट्स से 1,000 से 2,000 रुपये प्रति सेशन चार्ज करता हूं।" उन्होंने यह भी बताया, "कपिंग थेरेपी हर उम्र का व्यक्ति करवा सकते हैं, फिर चाहें बुजुर्ग हो या बच्चा। कपिंग थेरेपी का इस्तेमाल सात-आठ साल के बच्चे से लेकर किसी भी उम्र के पुरुष या महिला पर किया जा सकता है।"
समस्या के समाधान के लिए कितनी बार करवानी होती है कपिंग थेरेपी?
डॉ बोलिया ने बताया, "थेरेपिस्ट व्यक्ति से उसकी कुछ मेडिकल हिस्ट्री से लेकर उसकी डाइट और नींद आदि से जुड़े कुछ सवाल करता है और उसी के अनुसार थेरेपी के सेशन लेने की सलाह देता है। वैसे आपकी समस्या जितनी गंभीर होगी, उसी के अनुसार कपिंग थेरेपी के सेशन निर्धारित होते हैं।" डॉ बोलिया के अनुसार, सामान्य शारीरिक दर्द और अकड़न का इलाज एक ही कपिंग थेरेपी के सेशन में हो जाता है।
थेरेपी करवाने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
डॉ बोलिया का कहना है कि कपिंग थेरेपी के लिए किसी अनुभवी थेरेपिस्ट को ही चुनें, क्योंकि वह सही तरीके से आपकी तकलीफ को समझकर उसके अनुसार शरीर के प्रभावित हिस्से पर कीटाणुरहित कप के जरिए इलाज करते हैं। उन्होंने कहा कि कपिंग थेरेपी सेशन से पहले आपका हाइड्रेट और सकारात्मक रहना भी महत्वपूर्ण है। अगर इससे आपको कोई परेशानी है तो उसके बारे में थेरेपिस्ट को बताएं और उनके साथ थोड़ा सहयोगी व्यवहार रखने के साथ उनकी सलाह मानें।
थेरेपी करवाने के बाद क्या सावधानियां बरतनी जरूरी हैं?
डॉ बोलिया कहते हैं कि कपिंग थेरेपी के सेशन लेने के बाद सावधानियों की बात करें तो व्यक्ति के लिए थेरेपिस्ट की सलाह को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए अगर थेरेपिस्ट ने आपको खूब पानी पीने और डाइट पर अतिरिक्त ध्यान देने को कहा है तो इस बात को फॉलो करें। इसके अतिरिक्त, त्वचा पर पड़े निशान पर कुछ भी लगाने से बचें, क्योंकि वे कुछ ही दिनों में खुद गायब हो जाते हैं।"
कपिंग थेरेपी के नुकसान
डॉ बोलिया का कहना है कि कपिंग थेरेपी से कोई नुकसान नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में कपिंग थेरेपी के सेशन लंबे होने पर परेशानी हो जाती है। इसमें थेरेपी वाली जगह पर छाले पड़ जाते हैं। वैसे इसे ठीक करने के लिए थेरेपिस्ट की ओर से रोगी को खास जेल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति पर कीटाणुरहित कप का इस्तेमाल न किया जाए तो उसे इंफेक्शन होने की संभावना भी बढ़ जाती है।