#NewsBytesExclusive: 5.50 करोड़ में बिके मुकेश, बोले- पैसे के लिए नहीं पैशन के लिए खेलता हूं
शुक्रवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हुई। इस दौरान बिहार के गोपालगंज जिले के एक छोटे से गांव काकरकुंड के रहने वाले तेज गेंदबाज मुकेश कुमार को दिल्ली कैपिटल्स ने 5.50 करोड़ रुपये की रकम देकर अपनी टीम के साथ जोड़ा। मुकेश घरेलू क्रिकेट में बंगाल के लिए शानदार प्रदर्शन करते आए हैं। न्यूजबाइट्स हिंदी ने मुकेश से उनके सफर, संघर्षों और निजी जीवन के बारे में बातचीत की। आइए जानें उन्होंने क्या-क्या कहा।
कैसे हैं मुकेश के आंकड़े?
29 साल के मुकेश ने 33 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और उन्होंने 123 विकेट झटके हैं। इस दौरान उन्होंने छह बार एक पारी में चार और छह बार ही एक पारी में पांच विकेट लिए हैं। उन्होंने 24 लिस्ट-A मैचों में 26 विकेट झटके हैं। टी-20 क्रिकेट की बात करें तो मुकेश ने 23 मैचों में 25 विकेट अपने नाम किए हैं। इस फॉर्मेट में उन्होंने 23.68 की औसत से विकेट लिए हैं।
दिल्ली के साथ जुड़ने पर रोने लगी मां
मुकेश ने बताया कि दिल्ली की टीम ने जब उन्हें खरीदा तो उन्होंने ये बात सबसे पहले अपनी मां को बताई। मुकेश ने कहा, "मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं। जब मां ने ये सुना कि मेरा चयन DC की टीम में हुआ है तो वह रोने लगीं और बहुत इमोशनल हो गईं। उन्हें क्रिकेट की कम समझ है। चाचा के लड़के उन्हें समझाते हैं कि मैंने इतने विकेट लिए हैं या इतने रन बनाए हैं।"
एक साल में सब बदल गया
मुकेश कहते हैं कि पहले उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जब उनके पिता जीवित थे तो उन्हें भरोसा नहीं था कि एक छोटी जगह का लड़का भी क्रिकेट में करियर बना सकता है। उन्होंने कहा, "मेरे पापा ने मेरा बहुत सपोर्ट किया। मैंने क्लब में अपना नाम लिखवाया तब मैंने पापा से एक साल का समय मांगा था। फिर मैंने जी-तोड़ मेहनत की। इसके बाद रणजी ट्रॉफी में अपना नाम देखा तो पहला फोन पापा को ही किया था।"
पैसे के लिए नहीं अपने पैशन के लिए खेलता हूं- मुकेश
मुकेश ने बताया कि भले ही उन्हें नीलामी में ज्यादा पैसे मिल हों, लेकिन उनका ध्यान कभी भी पैसे पर नहीं था। उन्होंने कहा, "मेरा पैशन क्रिकेट है और मैं उसी पर फोकस करता हूं। मुझे कम भी रुपये मिलते तो मैं निराश नहीं होता। क्योंकि मेरा सारा फोकस क्रिकेट है। मैं पैसे के लिए क्रिकेट नहीं खेलता। मैं इस खेल को जीता हूं। मैंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है और यही मेरी कमाई है।"
बंगाल के रानादेब बोस और मुखर्जी सर ने उनकी प्रतिभा को पहचाना
मुकेश ने कहा कि वे आज जहां भी हैं, उसके लिए दो लोगों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कहा, "मैं जब बंगाल खेलने के लिए गया तो बार-बार मैच खेलने के लिए भाग जाता था और अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान नहीं देता था। तब मुझे कोच रनादेब बोस और मुखर्जी सर ने बहुत डांटा और मुझे अपने खेल पर फोकस करने के लिए कहा। अगर वो ना होते तो शायद मैं आज यहां नहीं पहुंच पाता।"
बहुत कूल है भारतीय क्रिकेट टीम का ड्रेसिंग रूम- मुकेश
इस साल जब दक्षिण अफ्रीका टीम भारत आई थी, तब मुकेश का चयन भारत की वनडे टीम में हुआ था। हालांकि, उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला। ड्रेसिंग रूम का अनुभव साझा करते हुए मुकेश ने कहा, "भारतीय टीम का ड्रेसिंग रूम बहुत कूल है। शिखर भैया हर मौके पर साथ देते हैं। हम पहला मैच हार गए थे, लेकिन उन्होंने कप्तान होने के बावजूद कुछ नहीं कहा और बड़े आराम से समझाया।"
दिल्ली की टीम का दिल से शुक्रिया किया
मुकेश ने DC की टीम और उनके मैनेजमेंट को दिल से शुक्रिया कहा है। उन्होंने कहा, "मैं DC की टीम से पिछले सीजन ही जुड़ गया था। मैं वहां नेट बॉलर था। तब टीम के कप्तान ऋषभ पंत और मैनेजमेंट ने मेरा बहुत साथ दिया था। वो मुझे बहुत सपोर्ट करते थे। मैं दिल से सबका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। अगर मौका मिला तो मैं अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाने की पूरी कोशिश करूंगा।"
इन गेंदबाजों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करेंगे मुकेश
मुकेश अब दिल्ली की टीम में एनरिक नॉर्खिया, लुंगी एंगीडी, मुस्तफिजुर रहमान और इशांत शर्मा जैसे तेज गेंदबाजों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करेंगे।वहीं उन्हें रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गज खिलाड़ी का कोच के रूप में साथ मिलेगा।