जाकिर हुसैन सैन फ्रांसिस्को में हुए सुपुर्द-ए-खाक, नम आंखों से दी तबला वादक को अंतिम विदाई
संगीतकार उस्ताद तबला वादक जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे। वे 73 साल के थे। बीते 16 दिसंबर को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनकी मृत्यु इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) नामक बीमारी के कारण हुई, जो फेफड़ों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर बीमारी है। अब जाकिर का अंतिम संस्कार बीती रात सैन फ्रांसिस्को में किया गया।
नम हुईं प्रशंसकों की आंखें
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि जाकिर को बीती रात यानी 19 दिसंबर को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। नम आंखों से प्रशंसकों ने बला वादक को अंतिम विदाई दी। बता दें कि साल 1951 में मुंबई में जन्मे हुसैन को भारत सरकार ने पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। जाकिर के परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और दो बेटियां अनीसा कुरेशी और इसाबेला कुरेशी हैं।