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विक्की कौशल को सताती थी वजन की चिंता, बोले- हीन भावना का शिकार हो गया था
विक्की कौश्ल ने की मानसिक स्वास्थ्य पर बात (तस्वीर: इंस्टाग्राम/@vickykaushal09)

विक्की कौशल को सताती थी वजन की चिंता, बोले- हीन भावना का शिकार हो गया था

Sep 05, 2023
06:31 pm

क्या है खबर?

अभिनेता विक्की कौशल अमूमन अपनी फिल्मों को लेकर चर्चा में रहते हैं। पिछली बार उन्हें फिल्म 'जरा हटके जरा बचके' में देखा गया था, जो बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। आजकल विक्की अपनी आने वाली फिल्मों की तैयारी में जुटे हैं और इसी बीच उन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कुछ खुलासे किए हैं। हाल ही में उन्होंने इस राज से पर्दा हटाया कि वह किशोरावस्था और अपने करियर के शुरुआती दिनों में मानसिक स्वास्थ्य से जंग लड़ चुके हैं।

खुलासा

लगता था किसी से नहीं लड़ सकता- विक्की

इंडियन एक्सप्रेस से विक्की ने कहा, "मुझे न तो कभी किसी ने अपमानित किया और ना ही मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, लेकिन मैं हीन भावना का शिकार था।" उन्होंने कहा, "मैं हमेशा बहुत दुबला-पतला था, इसलिए मुझे लगता था कि मैं किसी से नहीं लड़ सकता। 20 या 21 साल की उम्र तक मैं अपनी दाढ़ी तक नहीं बढ़ा पाता था। मैं मंच पर जाना चाहता था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं अभिनेता बन सकता हूं या नहीं।"

कारण

"अपनी स्थिति के लिए मैं खुद जिम्मेदार था"

विक्की के मुताबिक, उन्होंने हीरो की भूमिका निभाने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था। वह सिर्फ अभिनय करना चाहते थे। ये हीन भावना उनमें बहुत थी, जिसने उन्हें अंदर ही अंदर खा लिया था। उन्होंने कहा, "मेरे साथ दूसरा क्या करेगा, मैं अपने आप ही खुद को नुकसान पहुंचा रहा था। अपने बारे में बुरा महसूस करने के लिए न तो मेरे दोस्त जिम्मेदार थे, ना ही मेरा परिवार। मेरे अंदर खुद को लेकर ऐसे विचार आते थे।"

चिंता

अपने वजन को लेकर चिंतित रहते थे विक्की

विक्की बोले, "सब कहते हैं मर्द बनो। मर्दानगी की परिभाषा तय है। जेसे अच्छी सेहत होना, दाढ़ी होना और अच्छे बाल होना, तभी आपको मर्द माना जाता है और तभी आप मजबूत दिखते हैं। अगर आप दुबले-पतले हैं, बच्चों जैसा चेहरा है और आपकी हड्डियां दिखती है तो आपको मर्द जैसा नहीं माना जाता।" उन्होंने कहा, "अपनी किशोरावस्था के दौरान मैं चिंतित रहता था कि मेरा वजन क्यों नहीं बढ़ रहा है? यही सब मेरे दिमाग में चलता रहता था।"

हालत

डिप्रेशन पर कही ये बात

विक्की ने बताया कि वह खुद को इतना कमतर आंकने लगे थे कि उन्हें तनाव होने लगा था और जब उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा ताे भी तनाव और चिंता चरम पर थी। विक्की के मुताबिक, उन्हें नहीं पता कि डिप्रेशन क्या होता है, लेकिन वह ऐसी स्थिति से दो-चार हो चुके हैं, जब उन्होंने दुखी और खुद को टूटा हुआ महसूस किया है। विक्की ने 2015 में फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' से अपना करियर शुरू किया था।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

विक्की ने अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से बतौर सहायक निर्देशक बॉलीवुड में कदम रखा था। उन्होंने 1 राष्ट्रीय पुरस्कार और 2 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। फोर्ब्स इंडिया की शीर्ष 100 सितारों की सूची में भी विक्की अपना नाम दर्जा करा चुके हैं।