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भारतीय संविधान को पर्दे पर जीवंत करतीं वो 5 फिल्में, जो हर भारतीय को देखनी चाहिए
भारत के संविधान की ताकत दिखाती फिल्में (तस्चीर: इंस्टाग्राम/@yamigautam)

भारतीय संविधान को पर्दे पर जीवंत करतीं वो 5 फिल्में, जो हर भारतीय को देखनी चाहिए

Nov 26, 2025
11:24 am

क्या है खबर?

भारतीय संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि देश की आत्मा है, जो हमारे अधिकार, कर्तव्य और आजादी की बुनियाद तय करता है। अगर आप समझना चाहते हैं कि संविधान असल जिंदगी और समाज को कैसे प्रभावित करता है तो बॉलीवुड की कई फिल्में आपकी मदद कर सकती हैं। संविधान दिवस के खास मौके पर हम लेकर आए हैं ऐसी शानदार फिल्मों की सूची, जो समानता, न्याय, अधिकार, आरक्षण और लोकतंत्र की ताकत को गहराई से दिखाती हैं।

#1

'अलीगढ़'

'अलीगढ़' में धारा 377 यानी समलैंगिकों के अधिकार से जुड़ा मुद्दा बेहद संवेदनशील तरीके से दिखाया गया था। इसमें मनोज बाजपेयी ने LGBTQ समुदाय के एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया, जो अपनी पहचान और समाज की संकीर्ण सोच के बीच लगातार संघर्ष करता है। इसकी कहानी बताती है कि धारा 377 जैसी कठोर धारा ने किस तरह लोगों की आजादी, उनकी पसंद और उनकी जिंदगी पर गहरा असर डाला। ये फिल्म ZEE5, अमेजन प्राइम वीडियो और यूट्यूब पर है।

#2

'आरक्षण'

प्रकाश झा की फिल्म 'आरक्षण' भारतीय संविधान में शामिल आरक्षण नीति और उससे जुड़े सामाजिक-आर्थिक सवालों पर आधारित है। संविधान में शिक्षा और नौकरियों में सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को बराबरी दिलाने के लिए बनाए गए प्रावधानों को फिल्म बड़े प्रभावशाली ढंग से दिखाती है। अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण ने इसमें संविधान, समानता और सामाजिक न्याय की जद्दोजहद को बखूबी उभारा है। अमजेन प्राइम वीडियो, MX प्लेयर और यूट्यूब पर ये फिल्म मौजूद है।

#3

'आर्टिकल 15'

आर्टिकल 15 भारतीय संविधान का वो महत्वपूर्ण अनुच्छेद है, जो धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान या नस्ल के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव को रोकता है। इसी अनुच्छेद से प्रेरित फिल्म है नेटफ्लिक्स पर मौजूद आयुष्मान खुराना की 'आर्टिकल 15', जिसमें दिखाया गया है कि कैसे जातिगत भेदभाव आज भी गांवों और समाज में फैला हुआ है। फिल्म याद दिलाती है कि आर्टिकल 15 सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा और सम्मान की बुनियाद है।

#4 और #5

'सेक्शन 375' और 'आर्टिकल 370'

अक्षय खन्ना और ऋचा चड्ढा की फिल्म 'सेक्शन 375' भारतीय दंड संहिता की उस धारा पर आधारित है, जो रेप और सहमति से जुड़े मामलों को परिभाषित करती है। अमेजन प्राइम वीडियो और MX प्लेयर पर ये फिल्म देखी जा सकती है। उधर यामी गौतम की फिल्म 'आर्टिकल 370' विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में लागू आर्टिकल 370 और वहां की राजनीतिक, सामाजिक और कानूनी परिस्थितियों पर केंद्रित है। ZEE5 और नेटफ्लिक्स पर आप ये फिल्म देख सकते हैं।