
फिल्म 'थैंक यू फॉर कमिंग' रिव्यू: बेदम कहानी की भेंट चढ़ी भूमि की उम्दा अदाकारी
क्या है खबर?
भूमि पेडनेकर पिछले काफी समय से अपनी फिल्म 'थैंक यू फॉर कमिंग' को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं। इस फिल्म में भूमि का एकदम अलग अंदाज नजर आ रहा है, जो पहले शायद ही कभी देखने को मिला है।
अब 6 अक्टूबर को फिल्म रिलीज हो गई है, जिसमें महिला सशक्तिकरण के साथ महिलाओं की इच्छाओं को दिखाने की कोशिश की गई है।
आइए जानते हैं निर्देशक करण बुलानी की यह फिल्म कितनी सफल रही।
कहानी
क्या है फिल्म की कहानी?
'थैंक्यू फॉर कमिंग' की कहानी कनिका कपूर (भूमि) के इर्द-गिर्द बुनी हुई है, जो अपने यौन जीवन से परेशान है।
वह यौन सुख चाहती है, लेकिन उसे संतुष्टि नहीं मिलती और 30 साल की होने तक उसकी जिंदगी में ऐसा सुख देने वाला कोई पुरुष नहीं आता।
अब फिल्म की कहानी बस इसी मुद्दे पर टिकी हुई है कि कनिका कैसे अपनी ये इच्छा पूरी करेगी, जिसके लिए वह जल्दी-जल्दी अपने रिश्ते भी बदलती है, लेकिन कुछ हासिल नहीं होता।
कहानी
...जब कहानी में आता है नया मोड़
इस सबसे बाद कनिका शादी करने का फैसला करती है और जीवन आनंद (प्रधुम्न सिंह) से रोका करती है, जिसके बाद उसकी जिंदगी बदल जाती है।
रोके के बाद नशे में कनिका अपनी खुशी तो पा लेती है, लेकिन ऐसा उसने किसके साथ किया है, वो यह नहीं जानती।
लिहाजा वह अपनी दोस्तों के साथ मिलकर अपने सारे पुराने प्रेमियों और मंगेतर के पास पहुंचती है। यहीं कहानी में नया मोड़ आता है, जो इसमें थोड़ा रोमांच लाता है।
अभिनय
भूमि का शानदार अभिनय
फिल्म में भूमि का अभिनय शानदार है। वह अपने किरदार में बखूबी ढल गई हैं और अपनी जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई है।
शिबानी बेदी और डॉली सिंह का प्रदर्शन अच्छा लगता है, लेकिन शहनाज गिल और कुशा कपिला इस फिल्म का हिस्सा क्यों बनीं, ये समझ से परे है। दोनों पर्दे से ज्यादा फिल्म के प्रचार में दिखी हैं।
अनिल कपूर जितनी भी देर नजर आते हैं कमाल लगते हैं, वहीं करण कुंद्रा और सुशांत दिग्विकर का कैमियो अच्छा है।
कमियां
कई हैं फिल्म में कमियां
फिल्म की कहानी में कई कमजोर कड़ियां हैं, लेकिन इसके डायलॉग और कुछ सीन आपको हंसने या सोचना पर मजबूर करेंगे।
फिल्म में दिखाया गया कि कनिका और उसकी मां (नताशा रस्तोगी) के बीच के रिश्ता अच्छा है, वहीं लड़कियां की दोस्ती को शानदार तरीके से दिखाया है।
इसका पहला भाग काफी तेजी से आगे बढ़ता है तो दूसरे हिस्से में कहानी थोड़ी बेहतर होती है, लेकिन फिर भी ये दर्शकों को अंत तक बांधे रखने में कामयाब नहीं रहती।
कमी
ये कमी भी बड़ी खलती है
इस फिल्म के जरिए कोशिश तो महिलाओं की आधुनिक सोच और खुद की शर्तों पर जिंदगी जीने की दिखाने की थी, लेकिन इसमें क्या और क्यों हो रहा है, कुछ समझ नहीं आता।
इसमें शुरुआत से ही बस कनिका के यौन सुख पाने की कहानी चल रही है, जो काफी उबाऊ है।
कनिका की ख्वाहिश को जिस तरीके से पेश किया है, उसे देखकर लगता है कि लड़कियां बस इसी बारे में सोचती हैं, जो बिल्कुल भी सही नहीं लगता।
निर्देशन
निर्देशन में कहां चूके करण?
'थैंक यू फॉर कमिंग' का विषय बढ़िया है, जो महिलाओं की इच्छाओं को दिखाता है कि उन्हें अपने रिश्तों में ही नहीं, बल्कि बिस्तर और जिंदगी के हर पहलू पर खुशी चाहिए। ऐसी खुशी, जिसके लिए उन्हें किसी से माफी नहीं मांगनी, लेकिन निर्देशक करण इस विषय को सही तरीके से पर्दे पर दिखाने में नाकाम रहे।
फिल्म के संगीत की बात करें तो वो बढ़िया है। इसके गाने ऐसे हैं, जो पार्टियों में जरूर सुनने को मिलेंगे।
निष्कर्ष
देखें या न देखें?
क्यों देखें?- अगर आप भूमि के प्रशंसक हैं और उन्हें एक अलग अवतार में देखना चाहते हैं तो ये फिल्म देख सकते हैं। एक बार के लिए आप इसे अपने गर्ल गैंग के साथ भी देखने जा सकते हैं।
क्यों न देखें?- अगर आपको अपना समय बर्बाद नहीं करना है तो इस फिल्म से दूरी ही अच्छी है। फिल्म में कब, क्या और क्यों हो रहा है कुछ भी समझ नहीं आता है।
न्यूजबाइट्स स्टार- 1.5/5