श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली, गिरफ्तारी टली
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर को अभिनेताओं श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ को एक मार्केटिंग घोटाले मामले में अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है। ये मामला ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड से जुड़ा है। इस बाबत FIR 22 जनवरी, 2025 को दर्ज की गई थी। कोर्ट ने जांच पूरी होने तक श्रेयस और आलोक की किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है ताकि न्याय प्रक्रिया निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से पूरी हो सके।
आदेश
जांच पूरी होने तक गिरफ्तारी से बचे कलाकार
सुप्रीम कोर्ट ने एक संस्था के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले में जांच पूरी होने तक अभिनेता श्रेयस और आलोक को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है। अब जांच पूरी होने तक दोनों अभिनेताओं को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता यानी वो पुलिस हिरासत या गिरफ्तारी से सुरक्षित हैं, जब तक कि पुलिस जांच पूरी नहीं कर लेती। जांच पूरी होने के बाद स्थिति के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
सुनवाई
क्या बोले श्रेयस और आलोक के वकील?
सुनवाई के दौरान श्रेयस के वकील ने कहा कि अभिनेता को कंपनी के वार्षिक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाया गया था। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं पता और उन्होंने इसके लिए कभी कोई पैसा नहीं कमाया।" दूसरी ओर आलोक नाथ के वकील ने बताया कि अभिनेता किसी भी समारोह में शामिल नहीं हुए और उनकी तस्वीरें 10 साल पहले इस्तेमाल की गई थीं।
सवाल
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उठाया ये सवाल
कोर्ट ने सवाल उठाया कि अगर कोई बड़े अभिनेता या क्रिकेटर किसी कंपनी का विज्ञापन करता है या बतौर ब्रांड एंबेसडर दिखता है और बाद में वो कंपनी दिवालिया हो जाती है या उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हो जाते हैं तो क्या इसका असर उस अभिनेता या खिलाड़ी पर भी पड़ना चाहिए? श्रेयस की रिट याचिका का निपटारा करते हुए उनके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच पूरी होने तक गिरफ्तारी से सुरक्षा का कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा।
मामला
क्या है मामला?
सोनीपत के रहने वाले 37 वर्षीय विपुल अंतिल की शिकायत पर श्रेयस और आलोक नाथ समेत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में आरोप है कि दोनों अभिनेताओं ने ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर प्रचार किया, जिससे लोग निवेश के लिए प्रेरित हुए। पुलिस का कहना है कि आरोप है कि ब्रांड एंबेसडर होने के कारण लोगों ने कंपनी पर भरोसा किया और निवेश किया।