बाबा सिद्दीकी की हत्या से सदमे में सलमान खान, परिवार ने करीबियों से की ये अपील
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से उनके सबसे करीबी दोस्त सलमान खान सकते में हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि अब उनका अजीज दोस्त इस दुनिया में नहीं है। सिद्दीकी की हत्या के बाद सलमान की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उनके गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर सुरक्षाकर्मियों की तादाद बढ़ा दी गई है। उधर खान परिवार ने उनके इंडस्ट्री में मौजूद दोस्तों और करीबियों से गुजारिश की है कि वे अभिनेता से मिलने न आएं।
सिद्दीकी के जाने से बेहद दुखी हैं सलमान
इंडिया टुडे के मुताबिक, अपने बेहद करीबी दोस्त बाबा सिद्दीकी को खोने के बाद से ही सलमान बेहद दुखी हैं। सिद्दीेकी, सलमान के लिए सिर्फ दोस्त ही नहीं, बल्कि एक परिवार जैसे थे। हाल ही में जब सिद्दीकी अपने बेटे जीशान के साथ सलमान से मिलने उनके गैलेक्सी अपार्टमेंट स्थित घर पहुंचे थे तो उनका बहुत प्यार से स्वागत किया गया था। सलमान भी एक सच्चे दोस्त की तरह इस दुखद घटना के बाद परिवार से मिलने पहुंचे।
निजी मुलाकातें भी कर दीं रद्द
बीती रात लीलावती अस्पताल से घर लौटने के बाद सलमान सो नहीं पाए और लगातार जीशान और परिवार का हालचाल पूछते रहे। सिद्दीकी परिवार के एक करीबी सूत्र ने बताया, "भाई फोन पर अंतिम संस्कार की तैयारियों और हर छोटी-बड़ी जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने अगले कुछ दिनों के लिए अपनी सभी निजी मुलाकातें भी रद्द कर दी हैं। सलमान के परिवार के सदस्य भी इस नुकसान से उतने ही दुखी हैं।
बिश्नोई गैंग ने ली सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी
अरबाज खान और सोहेल खान भी सिद्दीकी के बहुत करीब थे और उनकी इफ्तार पार्टी में अक्सर जाते थे। हाल ही में एक वायरल पोस्ट में कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। इस पोस्ट में गैंग ने दावा किया है कि वो सलमान से कोई युद्ध नहीं चाहते थे, लेकिन बाबा की हत्या की वजह उनके दाऊद इब्राहिम के साथ जुड़ाव था। हालांकि, मुंबई पुलिस ने इस पोस्ट की पुष्टि नहीं की है।
बेटे जीशान के ऑफिस के पास हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या
सिद्दीकी की शनिवार रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना रात करीब साढ़े नौ बजे उनके बेटे जीशान के ऑफिस के पास हुई। इस मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक 3 शूटरों की पहचान की है। सिद्दीकी मुंबई में अल्पसंख्यक वर्ग के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे। लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP का दामन थाम लिया था।