पंकज उधास का 72 वर्ष की आयु में निधन, बेटी नायाब उधास ने की पुष्टि
हिंदी सिनेमा जगत से एक दुखद खबर सामने आ रही है। दरअसल, शास्त्रीय गायक पंकज उधास का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनकी बेटी नायाब उधास ने इस खबर की पुष्टि की। नायाब ने बताया कि लंबी बीमारी के बाद, गायक ने 26 फरवरी को अंतिम सांस ली। नायाब ने लिखा, 'बहुत भारी मन से, हम आपको सूचित कर रहे हैं कि लंबी बीमारी के कारण पद्मश्री पंकज उधास का निधन हो गया है।'
लंबी बीमारी से पीड़ित थे पंकज
अपनी गजलों के लिए मशहूर पंकज की टीम ने पुष्टि करते हुए कहा कि 26 फरवरी की सुबह उनका निधन हुआ। इंडिया टुडे से बात करते हुए पंकज की टीम ने कहा, "पंकज सर लंबी बीमारी से पीड़ित थे और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। आज सुबह करीब 11 बजे उनका निधन हो गया। उन्होंने ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली।" पंकज अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों से दशकों से दर्शकों का दिल जीत रहे हैं।
नहीं रहे पंकज उधास
बचपन से ही थी संगीत में रुचि
17 मई, 1951 में गुजरात के राजकोट में जेतपुर में जन्मे पंकज को बचपन से ही गायकी का शौक था। पंकज के घर में संगीत का माहौल पहले से था, जिसकी वजह से उनकी संगीत में रुचि बढ़ती चली गई थी। नतीजतन गायक ने महज 7 साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। राजकोट में तबला सीखने के बाद पंकज मायानगरी मुंबई आए और गायिकी की शिक्षा ली।
फिल्मों और कैसेट से पाई प्रसिद्धि
पंकज ने 1972 में फिल्म 'कामना' से बॉलीवुड में शुरुआत की थी। हालांकि, वह अपना जादू चलाने में असफल रहे थे। इसके बाद उन्हें कैसेट कंपनी ने 'आहट' एल्बम में गाने का अवसर दिया। इसमें उनका गाना 'चिट्ठी आई है' लोगों को बहुत पसंद आया। कैसेट की दुनिया में छाने के बाद पंकज ने 'बहार आने तक', 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी', 'थानेदार', 'साजन', 'मोहरा', 'गंगा जमुना सरस्वती' जैसी कई फिल्मों में भी आवाज का जादू चलाया है।
हिंदी सिनेमा में शोक की लहर
पंकज के निधन की खबर से हिंदी सिनेमा में शोक की लहर है। गायक के प्रशंसकों से लेकर संगीत की दुनिया के उनके साथ तक सभी इस खबर से स्तब्ध हैं। सभी सोशल मीडिया पर उन्हें नम आंखों से अंतिम श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इस बीच गायक शंकर महादेवन ने पंकज के निधन को संगीत की दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान करार दिया है। सोनू निगम ने भी गायक को भावनात्मक पोस्ट के साथ विदाई दी।