पंकज त्रिपाठी ने बताया क्षेत्रीय भाषा और हॉलीवुड में काम नहीं करने का कारण
अपने शानदार अभिनय और अपने व्यक्तित्व से अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने भारतीय फिल्म जगत में अपनी खास पहचान बनाई है। 2012 की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' ने उन्हें नई पहचान दिलाई। इसके बाद वह बड़े पर्दे ले लेकर OTT तक पर छा गए। हालांकि, पंकज के सफर पर नजर डालें तो उन्होंने कोई क्षेत्रीय फिल्म नहीं की है। न ही हॉलीवुड में हाथ आजमाने का उनका कोई इरादा है। एक कार्यक्रम में पंकज ने इसकी वजह बताई है।
अन्य भाषाओं में सहज नहीं होगा अभिनय
गोवा में चल रहे 53वें इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में मंगलवार को पंकज की मास्टर क्लास थी। यहां बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि किसी और भाषा में वह इतना सहज अभिनय कर सकते हैं जितना वह हिंदी में करते हैं। पकंज के अनुसार अन्य भाषाओं में भावनाओं को पर्दे पर उतारना उनके लिए मुश्किल होगा। इसलिए वह हिंदी के अलावा कोई प्रोजेक्ट लेते ही नहीं हैं।
क्षेत्रीय फिल्मों में हिंदी भाषी किरदार के लिए तैयार हैं पंकज
पंकज ने कहा, "मैं हिंदी में ज्यादा सहज हूं। मैं उस भाषा को समझता हूं, उसकी भावनाओं को समझता हूं और उसकी बारीकियों को समझता हूं। हॉलीवुड ही नहीं, तेलुगु और मलयालम फिल्ममेकर्स भी मुझे अपनी फिल्में ऑफर करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं उन किरदारों के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मैं वह भाषा नहीं बोलता हूं।" हालांकि, ऐसी फिल्मों में कोई हिंदी बोलने वाला किरदार हो तो पंकज उसे करने के लिए तैयार हैं।
पंकज के इन प्रोजेक्ट्स का है दर्शकों को इंतजार
पंकज पिछली बार बड़े पर्दे पर 'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' में नजर आए थे। आने वाली फिल्मों की बात करें तो दर्शकों को उनकी चर्चित वेब सीरीज 'मिर्जापुर 3' का इंतजार है। वहीं उनकी फिल्म 'फुकरे 3' भी कतार में है। हाल ही में घोषणा हुई है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बायोपिक में उनकी भूमिका निभाएंगे। उनकी चर्चित वेब सीरीज 'क्रिमिनल जस्टिस 4' पर भी काम शुरू हो चुका है।
गोवा में चल रहा है 53वां IFFI
53वां IFFI 20 नवंबर से 28 नवंबर तक गोवा के पणजी में चल रहा है। इस समारोह में 20 से 28 नवंबर तक अलग-अलग पालियों में देश-विदेश की कई फिल्में और शॉर्ट फिल्में दिखाई जा रही हैं। फिल्म स्क्रीनिंग के अलावा यहां आपको फिल्ममेकिंग से जुड़े प्रतिष्ठित लोगों के सेशन सुनने के मिलते हैं। इन्हें मास्टरक्लास कहा जाता है। इस बार पंकज त्रिपाठी प्रसून जोशी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, आर बाल्कि और गौरी शिंदे की मास्टरक्लास चर्चा में है।