'नाटू-नाटू': कंपोजर से कोरियोग्राफर तक, गाने को ऑस्कर दिलाने में है इनका हाथ
क्या है खबर?
गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीतने के बाद अब 'नाटू-नाटू' ने फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा ऑस्कर पुरस्कार भी अपने नाम कर लिया है। दुनियाभर में फैली इस गाने की शोहरत से भारत में जश्न का माहौल है और पूरा देेश इस गाने को मिली कामयाबी से गदगद है।
'नाटू-नाटू' की टीम को देश और दुनिया के कोने-कोने से शुभकामनाएं मिल रही हैं। क्या आप जानते हैं कि 'नाटू-नाटू' को ऑस्कर दिलाने में किस-किस ने अपना योगदान दिया है? आइए जानते हैं।
संगीतकार
एमएम कीरवानी
'नाटू-नाटू' के संगीतकार एमएम कीरवानी हैं, जो ऑस्कर के मंच पर पुरस्कार लेकर खुशी से झूम उठे। जब वह इसके लिए गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीते थे तो भी उन्होंने अपनी खुशी खुलकर जाहिर की थी। कीरवानी ने तेलुगु फिल्म 'मनासु ममता' से अपने करियर की शुरुआत की थी।
उन्हें हिंदी फिल्म 'सुर' के गीत 'आ भी जा' और 1998 में आई महेश भट्ट की फिल्म 'जख्म' के गीत 'गली में आज चांद निकला' के लिए भी खूब सराहा गया।
गीतकार
चंद्रबोस
'नाटू-नाटू' को ऑस्कर दिलाने का श्रेय चंद्रबोस को भी जाता है, जो इसके गीतकार हैं। उन्होंने इस गीत के इतने शानदार बोल लिखे कि हर कोई उनका मुरीद हो गया।
चंद्रबोस ने फिल्म के लिए 20 गाने लिखे थे, लेकिन उन 20 में से 'नाटू-नाटू' को फाइनल किया गया था।
गाने का 90 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ आधे दिन में तैयार हो चुका था। हालांकि, इसका 10 प्रतिशत बचा हुआ भाग पूरा करने में उन्हें 19 महीने लगे थे।
कोरियोग्राफर
प्रेम रक्षित
'नाटू-नाटू' में राम चरण और जूनियर एनटीआर ने अपने धमाकेदार डांस से सभी से खूब वाहवाही बटोरी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें डांस की ट्रेनिंग किसने दी?
'नाटू-नाटू' को प्रेम रक्षित ने कोरियोग्राफ किया, जो एक समय गरीबी से तंग आकर आत्महत्या करने चेन्नई के मरीन बीच पर चले गए थे।
'नाटू-नाटू' के बाद रक्षित अब घर-घर में लोकप्रिय हो गए हैं। उनके मुताबिक, उन्होंने इस गाने के हुक स्टेप के लिए 101 डांस मूव्स तैयार किए थे।
गायक
राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव
'नाटू-नाटू' को अपनी जादुई आवाज में गाने वाले गायक राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव भी खूब चर्चा में हैं और इनके बिना यह गाना अधूरा है। काल भैरव कीरावनी के बेटे हैं, जो पेशे से दक्षिण भारतीय गायक हैं।
दूसरी ओर राहुल भी एक शानदार गायक हैं। 'नाटू-नाटू' से पहले राहुल 50 से ज्यादा दक्षिण भारतीय फिल्मों में अपनी गायकी से धमाल मचा चुके हैं। 'RRR' के बाद दोनों की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
कलाकार
जूनियर एनटीआर और राम चरण
जूनियर एनटीआर और राम चरण पर नाटू-नाटू फिल्माया गया और दोनों के डांसिंग स्टाइल की न सिर्फ, देश, बल्कि दुनियाभर में तारीफ हुई। यहां तक कि विदेशियों ने भी उनका हुक स्टेप कॉपी किया। उनके इस गाने पर अब तक लाखों रील्स बन चुके हैं।
गाने में राम चरण और एनटीआर की ट्यूनिंग और उनका जोश लोगों को खूब पसंद आया। ज्यादातर लोगों को मानना है कि 'नाटू-नाटू' के साथ भारतीय सिनेमा की केवल यही जोड़ी न्याय कर सकती थी।
निर्देशक
एसएस राजमौली
निर्देशक एसएस राजामौली ने अगर 'RRR' न बनाई होती तो आज 'नाटू-नाटू' भी लोगों को नहीं मिलता। वह जानते थे कि ये राम चरण और एनटीआर दोनों ही तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन डांसर्स हैं।
ऐसे में अगर उन्हें एकसाथ डांस करते हुए दिखाया जाए तो बढ़िया रहेगा। उन्हें लगा कि उन्हें साथ-साथ डांस करते देखना दर्शकों के आनंद और अहसास को एक नए स्तर पर ले जा सकता है और राजामौली का यह आइडिया सचुमच कमाल का निकला।
जानकारी
इनका भी है योगदान
किसी भी फिल्म या गाने को बेहतर बनाने में टेक्निकल टीम एक खास भूमिका अदा करती है। ऐसे में 'नाटू-नाटू' के मिक्स इंजीनियर, मास्टरिंग इंजीनियर और प्रोग्रामर जी जीवन बाबू और प्रोग्रामर सिद्धार्थ एस का काम भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।