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शिल्पा शेट्टी-राज कुंद्रा को एक और झटका, 60 करोड़ केस में EOW का बड़ा एक्शन
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुश्किलें बढ़ीं

शिल्पा शेट्टी-राज कुंद्रा को एक और झटका, 60 करोड़ केस में EOW का बड़ा एक्शन

Dec 17, 2025
12:27 pm

क्या है खबर?

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की कानूनी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। 60 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने अब इस केस में IPC की धारा 420 जोड़ दी है, जिसके बाद उनकी मुसीबत और बढ़ गई है। ये कार्रवाई जांच के दौरान सामने आए नए सबूतों के आधार पर की गई है। आइए पूरी खबर विस्तार से जानते हैं।

मामला

सबसे पहले जानिए क्या है मामला

ये मामला मुंबई के बिजनेसमैन दीपक कोठारी की शिकायत पर दर्ज किया गया था। उनका आरोप है कि शिल्पा और उनके पति राज ने साल 2015 से 2023 के बीच अपनी अब बंद हो चुकी कंपनी 'बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड' के नाम पर उनसे निवेश के लिए 60.48 करोड़ रुपये लिए। शिकायत के मुताबिक ये पैसा कंपनी के बजाय निजी खर्चों में इस्तेमाल किया गया। ये मामला अगस्त 2025 में सामने आया था।

सबूत

EOW को मिले पुख्ता सबूत

बिजनेसमैन दीपक कोठारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पहले इस FIR में IPC की धारा 403 (संपत्ति की बेईमानी से हड़पना) और 406 (विश्वासघात) लगाई थीं। अब जांच के दौरान विश्वसनीय गवाहों के बयान और इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिलने के बाद धारा 420 (धोखाधड़ी) भी जोड़ दी गई है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है। EOW ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान भरोसेमंद गवाहों के बयान और इलेक्ट्रॉनिक सबूत इकट्ठा किए गए हैं।

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बयान

शिल्पा-राज ने आरोपों को बताया झूठा

उधर शिल्पा और राज ने 60 करोड़ रुपये के इस धोखाधड़ी मामले में लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, हम पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और गलत हैं। इस मामले को जानबूझकर अपराध जैसा दिखाया जा रहा है, जबकि इसका कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है। इस केस को खत्म करने के लिए हमने हाई कोर्ट में पहले ही याचिका दायर कर दी है और वहां फैसला आना बाकी है।

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अनुरोध

शिल्पा और राज ने मीडिया से की ये अपील

राज और शिल्पा ने कहा कि दोनों ने जांच में पुलिस का पूरा साथ दिया है और उन्हें भरोसा है कि कानून और अदालत उनके साथ न्याय करेंगे। दोनों ने अपील की है कि मीडिया इस मामले पर जरूरत से ज्यादा सनसनी न फैलाए, बिना पुख्ता जानकारी के अटकलें न लगाए और कोर्ट का फैसला आने से पहले किसी को दोषी या बेगुनाह घोषित न करे यानी मामला अदालत में है, इसलिए रिपोर्टिंग सोच-समझकर और सीमित तरीके से की जाए।

कानूनी पेंच

EOW के बाद ED की एंट्री संभव

सूत्रों के मुताबिक, मामले की गंभीरता और रकम को देखते हुए मुख्य शिकायतकर्ता आने वाले दिनों में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) से भी संपर्क कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो मामला मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से भी जांच के दायरे में आ सकता है, जिससे कानूनी पेंच और बढ़ सकते हैं। EOW का कहना है कि जांच प्रक्रिया कानून के तहत आगे बढ़ाई जा रही है और सभी पक्षों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।

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