'कांतारा' से 'द केरल स्टोरी' तक, 54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाई जाएंगी ये फिल्में
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) का ऐलान हो चुका है और अब इसमें दिखाई जानी वाली 25 फीचर फिल्मों और 20 गैर-फीचर फिल्मों की सूची भी राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) की ओर से जारी कर दी गई है। यह इस फिल्म महोत्सव का 54वां संस्करण है, जिसका आयोजन 20 नवंबर से 28 नवंबर तक गोवा में होने जा रहा है। आइए जानते हैं कि कौन-सी भारतीय फिल्में इस महोत्सव में पहुंचने में सफल हो पाई हैं।
मलयालम फिल्म 'अट्टम' करेगी महोत्सव की शुरुआत
फिल्म महोत्सव में दिखाई जानी वाली फीचर फिल्मों में हिंदी और अन्य भाषा की कुछ लोकप्रिय फिल्में शामिल हैं। इनका चयन निर्देशक-निर्माता टीएस नागभरण के नेतृत्व वाली 12 सदस्यों की जूरी ने किया। इनमें 'कांतारा', 'सिर्फ एक बंदा काफी है', 'गुलमोहर', 'पोन्नियिन सेलवन 2', 'द केरल स्टोरी', ' विदुथलाई भाग 1' और ऑस्कर पुरस्कार के लिए भारत की ओर से गई '2018 - एवरीवन इज ए हीरो' शामिल है। मलयालम फिल्म 'अट्टम' इस महोत्सव की शुरुआती फीचर फिल्म होगी।
ये फिल्में भी हैं शामिल
फीचर फिल्मों में फिल्म 'आरारिरारो', 'अट्टम', 'अर्धांगिनी', 'डीप फ्रिज', 'ढाई आखर', 'इरात्ता', 'काधल एनबाथु पोथु उदामई', 'काथल', 'मलिकाप्पुरम', 'मंडली' शामिल है। इनके अलावा 'मिरबीन', नीला नीरा सोरियान', 'ना थान केस कोडु', 'पुक्कलम', 'रवींद्र कब्य रहस्य', 'सना', 'द वैक्सीन वॉर' और 'वध' भी चुनी गई है।
गैर-फीचर श्रेणी में शामिल हैं ये फिल्में
गैर-फीचर फिल्म जूरी में 6 सदस्य शामिल थे, जिसका नेतृत्व डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के निर्देशक अरविंद सिन्हा ने किया। मणिपुरी फिल्म 'एंड्रो ड्रीम्स' भारतीय पैनोरमा की ओर से गैर-फीचर श्रेणी की शुरुआती फिल्म होगी। इसके साथ फिल्म '1947: ब्रेक्सिट इंडिया', 'एंड्रो ड्रीम्स', 'बासन', 'बैक टू द फ्यूचर', 'बरुआर जोंगक्सर', 'बेहरूपिया - द इम्पर्सनेटर', 'भांगर नानसेई नीलम' (चेंजिंग लैंडस्केप) को महोत्सव में दिखाया जाएगा। फिल्म 'छुपी रोह', 'गिद्ध' (द स्केवेंजर), 'कथबोर', 'लाचित' (द वॉरियर), 'लास्ट मीट' आदि भी इसका हिस्सा हैं।
माइकल डगलस को किया जाएगा सम्मानित
इस बार फिल्म महोत्सव में हॉलीवुड के मशहूर अभिनेता-निर्माता माइकल डगलस को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यहां 'सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' मिलेगा। माइकल अपने अब तक के करियर में 2 ऑस्कर पुरस्कार, 3 एमी पुरस्कार और 5 गोल्डन ग्लोब पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। माइकल 'चाइना सिंड्रोम' और 'रोमांसिंग द स्टोन' जैसी शानदार फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं तो उन्होंने कई फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा भी दिखाया है।
कब हुई IFFI की शुरुआत?
IFFI की शुरुआत 1952 में हुई थी, जिसे एशिया के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण फिल्म महोत्सव में से एक माना जाता है। इसका आयोजन हर साल गोवा में होता है, जहां बेहतरीन फिल्मों को दिखाने के लिए एक मंच मिलता है। इसका संचालन गोवा सरकार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और फिल्म समारोह निदेशालय संयुक्त रूप से करते हैं। इस महोत्सव में भारतीय पैनोरमा श्रेणी की शुरुआत 1978 में हुई थी, जिसमें चुनी जानी वाली फिल्मों को काफी सम्मान मिलता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
दुनिया में कई सारे फिल्म महोत्सव का आयोजन होता है। दुनिया के 5 सबसे बड़े फिल्म महोत्सव की बात करें तो इसमें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, वेनिस फिल्म फेस्टिवल, कान्स फिल्म फेस्टिवल, टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और सनडांस फिल्म फेस्टिवल शामिल हैं।