
'जोरम' के प्रचार से नाखुश मनोज बाजपेयी, किसे ठहराया फिल्म की असफलता का जिम्मेदार?
क्या है खबर?
मनोज बाजपेयी की गिनती बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं में होती है। वह बड़े पर्दे से लेकर OTT तक पर अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुके हैं। इन दिनों वह वेब सीरीज 'किलर सूप' में नजर आ रहे हैं, जिसमें वह डबल रोल में दिख रहे हैं।
इससे पहले उन्हें फिल्म 'जोरम' में देखा गया था, जो सिनेमाघरों में आई थी, लेकिन फिल्म को दर्शक नसीब नहीं हुए।
हाल ही में अभिनेता ने मार्केटिंग पर फिल्म की असफलता का ठीकरा फोड़ा।
बराबरी
'12वीं फेल' से की तुलना
बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक, मनोज बोले, "जोरम को सीमित रिलीज देने का निर्णय ZEE स्टूडियो का था। मुझे इस पर कुछ नहीं कहना था। व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि जोरम को बहुत बड़ी रिलीज मिलनी चाहिए थी। इसमें सफल होने की क्षमता थी। '12वीं फेल' को देखें। कैसे विधु विनोद चोपड़ा और ZEE स्टूडियोज ने इसे आगे बढ़ाया।"
वह बोले, "सभी बड़े बजट की अच्छा प्रदर्शन करने वाली एक्शन फिल्मों के बीच '12वीं फेल' का कद ऊंचा रहा।"
भरोसा
फिल्म की सफलता को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे मनोज
मनोज बोले, "12वीं फेल की सफलता आंखें खोलने वाली है। अगर 'जोरम' की मार्केटिंग भी ऐसी होती तो यकीनन यह भी सफल होती। इसमें 2023 की वो फिल्म बनने की क्षमता थी, जिसकी कामयाबी एक अलग उदाहरण पेश करती।"
उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि दर्शकों को ब्लॉकबस्टर फिल्मों के अलावा कुछ और भी पसंद आएगा, लेकिन इसके लिए हमें सबसे पहले अपनी फिल्मों को सिनेमाघरों में उपलब्ध कराना होगा। फिल्म सिनेमाघर में होगी ही नहीं तो दर्शक देखने क्या आएंगे?"
उपलब्धि
'जोरम' को ऑस्कर लाइब्रेरी में मिली जगह
यह फिल्म कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में दिखाई गई थी, जहां इसे खूब सराहना मिली।
पिछले दिनों इसे एक और उपलब्धि हासिल हुई है। 'जोरम' को ऑस्कर की लाइब्रेरी में शामिल कर लिया गया। मतलब यह कि फिल्म की स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले दुनियाभर के फिल्म जानकारों और छात्रों की पढ़ाई और रिसर्च के लिए उपलब्ध होगी।
मनोज ने हाल ही में कहा था, "मैंने कभी स्वीकृति के लिए काम नहीं किया। मैं सिर्फ अपने जुनून के लिए काम करता हूं।"
कहानी
क्या है 'जोरम' की कहानी?
'जोरम' की कहानी दसरू (मनोज) की है, जिसकी पत्नी की मुंबई में हत्या हो जाती है। इसका इल्जाम उस पर लगता है और ऐसे में वह अपनी 3 महीने की बच्ची के साथ वापस अपने गांव भागने की कोशिश में जुट जाता है।
न सिर्फ मनोज, बल्कि मोहम्मद जीशान अय्यूब ने भी इस फिल्म में अपने अभिनय से दिल जीत लिया।
देवाशीष मखीजा के निर्देशन में बनी यह फिल्म बीते साल 8 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।