मनोज बाजपेयी दोस्त से 50 रुपये उधार लेकर पहली बार पहुंचे थे दिल्ली, सुनाया किस्सा
मनोज बाजपेयी बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने खुद को इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिए किसी का सहारा नहीं लिया। बिना किसी गॉडफादर के उन्होंने अपने दम पर देशभर के दर्शकों के बीच अपनी एक खास जगह बनाई है। पिछली बार फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' में दिखे मनोज ने हाल ही में अपने पुराने दिनों को याद किया। अभिनेता ने उस दिन के बारे में बताया, जब उन्हाेंने पहली बार दिल्ली में कदम रखा था।
"कॉलेज से पहले कभी नहीं घूमा कोई बड़ा शहर"
टीवी शो की अदालत में अपनी हालिया बातचीत में मनोज ने कहा, "मैंने 12वीं पूरी की थी। कॉलेज से पहले मैंने कभी किसी बड़े शहर में कदम नहीं रखा था। मैं बिहार के एक छोटे से गांव में पला-बढ़ा था। मेरी 12वीं की परिक्षाएं खत्म हुईं तो मैंने दिल्ली जाने की योजना बनाई।" उन्होंने कहा, "वहां मैं किसी काम के लिए नहीं, बल्कि इसलिए जा रहा था, क्योंकि मेरे बचपन का एक दोस्त दिल्ली जाने वाला था।"
दोस्त के साथ की दिल्ली जाने की गुजारिश
मनोज ने आगे कहा, "मेरे दोस्त ने मुझसे कहा कि उसे दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला मिल जाएगा। फिर मैंने उससे कहा कि तो मुझे भी अपने साथ ले चल। उसने पूछा, तेरे पास पैसे हैं? मैंने कहा कि मुझे नहीं पता कि पिताजी मुझे कितने पैसे देंगे।" मनोज ने यह भी बताया कि वह उस वक्त इतने भोले थे कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि दिल्ली जाने के लिए टिकट रिजर्वेशन की जरूरत पड़ेगी।
ये सुनने के बाद भी आज तक नहीं चुकाए पैसे
1 टिकट की कीमत 50 रुपये थी, लेकिन मनोज के पास पैसे नहीं थे। उन्होंने हंसते हुए कहा, "मैं अपने दोस्त से बोला कि अभी मेरे लिए पैसे दे दे। मैं बाद में लौटा दूंगा।" अभिनेता ने कहा कि उनके दोस्त ने बाद में उन्हें यह कहना शुरू कर दिया कि भिखमंगा आदमी। यह बता तू मेरे पैसे कब चुकाएगा? तू पंडित है तो तुझे दान कर दिया मैंने।" मनोज के मुताबिक, उन्होंने आज तक ये पैसे नहीं चुकाए।
मनोज ने थिएटर से की थी शुरुआत
मनोज ने अपने एक्टिंग की शुरुआत थिएटर से की थी। उनका हमेशा से ही अभिनय से काफी लगाव रहा। 1994 में आई शेखर कपूर की फिल्म 'बैंडिट क्वीन से उन्होंने अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था, लेकिन उनका यह किरदार उनके करियर में कुछ काम न आ सका। राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' में 'भीकू म्हात्रे' के किरदार ने मनोज की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी थी, जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।