WWE की पहली भारतीय महिला पहलवान कविता देवी कौन हैं, जिनके जीवन पर बन रही फिल्म?
सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन उसे पूरा करने की हिम्मत और मेहनत कुछ ही लोग कर पाते हैं। इनमें से ही एक हैं कविता देवी, जिन्होंने अपने दम पर पहलवानी की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। वह फिर इसलिए चर्चा में आ गई हैं क्योंकि उनके जीवन पर अब फिल्म बनने की तैयारी हो रही है। निर्माता प्रीति अग्रवाल ने उनकी बायोपिक के राइट्स खरीद लिए हैं। आइए आपको कविता के बारे में विस्तार से बताते हैं।
सूट-सलवार पहन अखाड़े में उतरीं कविता
कविता हरियाणा के जींद जिले की रहने वाली हैं। वह भारत की पहली महिला पहलवान हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (WWE) में हिस्सा लिया। जब पहली बार वह अखाड़े में उतरीं तो लोग हैरान थे क्योंकि वह सूट-सलवार में लड़ाई के लिए उतरी थीं। ऐसी धारणा थी कि WWE में एक खास तरह के कपड़े पहनकर ही पहलवानी की जा सकती है। कविता समाज की इस धारणा को तोड़ना चाहती थी और वह इसमें सफल रहीं।
लड़ना पड़ा गरीबी और समाज से
कविता के लिए पहलवानी की दुनिया तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उन्होंने बहुत संघर्ष किया। उनके परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। दूध बेचकर गुजारा होता था। बड़े भाई संजय ने कविता को खेल में आगे बढ़ने का हौसला दिया। लखनऊ में कैंप के दौरान एक बार उनके पास रुपये नहीं थे। कविता को न सिर्फ हालात, बल्कि समाज से भी जूझना पड़ा। उन्होंने रिंग में उतरकर प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने से पहले गरीबी, समाज और रूढ़ियों-रुकावटों को चित किया।
भारोत्तोलन में जीता स्वर्ण पदक
कविता के मुताबिक, उन्होंने सूट पहनकर इसलिए लड़ाई की ताकि अपने देश की संस्कृति को पूरी दुनिया में दिखा सकें। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वेटलिफ्टिंग से की थी। कविता ने न सिर्फ एक पहलवान के रूप में लगातार अपने परिवार और देश का नाम रोशन किया, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर की पावरलिफ्टिंग एथलीट भी बनीं। 2016 के साउथ एशियन गेम्स में 75 किलोग्राम की भारोत्तोलन की श्रेणी में वह भारत के लिए स्वर्ण पदक भी जीत चुकी हैं।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला 'फर्स्ट लेडी' सम्मान
कविता ने 2017 में WWE की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। उन्होंने MAE Young Classic 2017 में अपनी पहलवानी का जौहर दिखाया। कुश्ती की इस दुनिया में आने के बाद कविता को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। रेसलमेनिया 34 में कविता ने जब अपना जौहर दिखाया तो दुनियाभर के WWE पहलवानों ने उनका लोहा मान लिया। कविता अपने खेल के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों 'फर्स्ट लेडी' सम्मान से सम्मानित की जा चुकी हैं।
'द ग्रेट खली' से सीखे पहलवानी के गुर
कविता को देख 'द ग्रेट खली' ने अपने 'द ग्रेट खली रिटर्न शो' में उन्हें बुलाया, जहां उनका मुकाबला अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय पहलवान नटरिया से हुआ। लोग तब चौंक गए, जब उन्होंने इस पहलवान को 12 मिनट में चित कर दिया। कविता, खली को अपना गुरू और प्रेरणा मानती हैं। खली ने ही कविता देवी को WWE के लिए अपने मातहत प्रशिक्षण दिया था। वह WWE की खिलाड़ी बनने से पहले स्वतंत्र रूप से पहलवानी किया करती थीं।
मां बनने के बाद की धमाकेदार वापसी
कविता का शादी 2009 में गौरव तोमर से हुई, जिसके बाद 2010 में वह पहली बार मां बनीं। उनके पति भी एक पहलवान हैं। ऐसे में उन्हें गौरव का पूरा साथ मिला। उन्होंने खेल के मैदान से लगभग दूरी बना ली थी। उनके पति ने उन्हें समझाया और मैदान पर वापसी के लिए प्रेरित किया। कविता की मेहनत रंग लाई और एक लंबा संघर्ष करने के बाद उन्होंने कामयाबी हासिल की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
न्यूजबाइट्स प्लस
कविता भारोत्तोलन में लगातार 4 बार सीनियर नेशनल चैंपियन और वुशु में नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं। 19 मई, 2021 को घोषणा हुई कि कविता को WWE से बाहर कर दिया गया। हालांकि, कविता कंपनी की तरफ से निकालने की बात खारिज कर चुकी हैं।
अब कविता का सफर पर्दे पर लाने की तैयारी
अब कविता की प्रेरणादायी कहानी पर्दे पर उतारी जाएगी। इसमें यह भी दिखाया जाएगा कि कैसे कविता के बड़े भाई संजय दलाल ने बचपन से ही कविता का साथ दिया और उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाने में हर संभव प्रयास किया, जिसके लिए आज कविता दुनिया भर में जानी जाती हैं। इरफान खान की फिल्म 'द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स' और 'मैं अटल हूं' के निर्माताओं में से एक जीशान अहमद कविता की बायोपिक बनाने के लिए बेहद उत्साहित हैं।