'जवान' रिव्यू: मनोरंजन से भरी फिल्म, शाहरुख खान ने अपने हर पहलू को भुनाया
शाहरुख खान की फिल्म 'जवान' लंबे इंतजार के बाद 7 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। शाहरुख के प्रशंसक खासतौर से इस फिल्म का इंतजार कर रहे थे और फिल्म की जबरदस्त एडवांस बुकिंग देखने को मिली थी। फिल्म के पोस्टर में शाहरुख के कई अवतार देखने को मिल रहे थे और प्रशंसक चकरा गए थे कि फिल्म में आखिर शाहरुख का किरदार है कैसा। आइए, आपको बताते हैं कैसी है एटली द्वारा निर्देशित 'जवान'।
देश के रॉबिनहुड बने शाहरुख
यह फिल्म एक महिला जेल और उसके जेलर आजाद (शाहरुख) पर केंद्रित है। इस जेल में हजारों महिलाएं कैदी हैं, जिनमें से कई बेकसूर हैं। आजाद इन महिलाओं से समाज सेवा का काम करवाता है। इसके अलावा वह जेल की 6 महिला कैदियों के साथ मिलकर अपने अलग सीक्रेट मिशन का भी संचालन करता है। इन महिलाओं की मदद से वह अलग-अलग मिशन पर जाता है और भ्रष्ट नेताओं की पोल खोलता है ।
पहली बार साथ दिखे शाहरुख-नयनतारा, विलेन बने विजय सेतुपति
आजाद और उसकी महिला सेना को पकड़ने का जिम्मा जांच अफसर नर्मदा (नयनतारा) को दिया जाता है। नयनतारा पर्दे पर शानदार स्टंट्स करती नजर आई हैं। एक ट्विस्ट के बाद दोनों का रोमांस भी देखने को मिलता है। पर्दे पर पहली बार इनकी केमिस्ट्री देखने को मिली है। फिल्म का सबसे मजबूत स्तंभ फिल्म का विलेन 'काली' है। विजय सेतुपति ने काली के खूंखार अंदाज को पर्दे पर पेश किया है।
शाहरुख संग स्टंट करती नजर आईं ये कलाकार
सान्या मल्होत्रा, प्रियामणि, संजीता भट्टाचार्या और लहर खान शाहरुख के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्टंट करती नजर आई हैं। रिद्धी डोगरा ने छोटा, लेकिन अहम किरदार निभाया है। सुनील ग्रोवर का किरदार नर्मदा की टीम के एक अधिकारी का है, हालांकि पर्दे पर उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला। दीपिका पादुकोण का फिल्म में शानदार कैमियो है। उनका किरदार फिल्म के भावुक पक्ष को मजबूत बनाता है। फिल्म में संजय दत्त का कैमियो भी आकर्षक है।
मनोरंजन में खरे उतरे एटली
'जवान' के जरिए एटली ने एक रोचक कहानी को बॉलीवुड के मसालों में लपेटकर पेश किया है। जिस तरह से आजाद के पिता की कहानी और उनके साथ काली की दुश्मनी को पेश किया है, वह दर्शकों को बांधकर रखती है। एटली ने रोमांचक तरीके से शाहरुख को दोहरी भूमिका में आमने-सामने लाकर खड़ा किया है। अभिनय, एक्शन, ग्लैमर, कटाक्ष और संदेश, उन्होंने सबकुछ एक सूत्र में पिरोकर दर्शकों के सामने रख दिया।
बेहतरीन है एक्शन कोरियोग्राफी और संगीत
फिल्म की एक्शन कोरियोग्राफी इसे और रोमांचक बनाती है। फिल्म में रोमांचक स्टंट हैं, जिन्हें बेहतरीन तरीके से डिजाइन किया गया है। ये स्टंट VFX और बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ मिलकर बेहतरीन दृश्य बनाते हैं। फिल्म की शुरुआत ही आकर्षक VFX दृश्य के साथ होती है और पूरी फिल्म में VFX का आकर्षण बना रहता है। बता दें VFX का काम पूरा करने के लिए ही फिल्म की रिलीज जून से सितंबर के लिए टाल दी गई थी।
दर्शकों को लुभाने में खो दी गंभीरता
यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है, जो दर्शकों को लुभाने में अपनी गंभीरता खो देती है। फिल्म में आने वाले गाने बेवजह शामिल किए गए लगते हैं। नर्मदा का अपने दुश्मन के साथ रोमांस करना और भी बचकाना है। महिला जेल इस फिल्म का केंद्र है और जेल में इतना ग्लैमर? समझ नहीं आया। यह एक खास बॉलीवुड मसाला फिल्म है, जिसमें हीरो अपने पेशे और उम्र से परे, जो चाहे कर सकता है। हर बार उसकी जान बचती रहेगी।
इन फिल्मों की याद दिलाती है फिल्म
फिल्म में एटली शाहरुख के स्टार पावर का इस्तेमाल करने के दबाव में दिखे। 'जवान' शाहरुख की कई अन्य फिल्मों की याद दिलाती है। शाहरुख और दीपिका की जोड़ी दर्शकों ने पहले भी पसंद की है। फिल्म में आजाद की मां कावेरी अम्मा उनकी फिल्म 'स्वदेश' की याद दिलाती हैं, जबकि वर्दी में शाहरुख आपको 'मैं हूं ना' में ले जाते हैं। पत्नी का पति को ना पहचानना आपको शाहरुख की किस फिल्म की याद दिला रहा है?
देखें या न देखें?
क्यों देखें?- यह अच्छी कहानी और अच्छे संदेश के साथ एक मनोरंजक फिल्म है। निर्देशक ने शाहरुख के अभिनय के हर पहलू को भुनाया है। यह फिल्म सेतुपति के लिए भी देखी जा सकती है। क्यों न देखें?- फिल्म का एक्शन रोमांचक है, लेकिन इससे गंभीरता गायब है। गंभीर थ्रिलर फिल्म खोज रहे हैं तो यह फिल्म निराश करेगी। न्यूजबाइट्स स्टार - 3/5