गोल्डन ग्लोब जीतने वाले एमएम कीरावानी ने कंपोज किए हैं ये सदाबहार हिंदी गाने
बुधवार को संगीतकार एमएम कीरावानी ने 'RRR' के गाने 'नाटू-नाटू' के लिए गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एसएस राजामौली ने गाने के 12 वर्जन रिजेक्ट किए थे। यह 13वां कंपोजिनशन था जिसे उन्होंने पसंद किया और अब यह दुनियाभर में धूम मचा रहा है। एमएम कीरावानी एमएम करीम नाम से भी जाने जाते हैं। उन्होंने हिंदी के कई गाने कंपोज किए हैं। इन गानों को हम में से कई लोग बचपन से गुनगुनाते आ रहे हैं।
तुम मिले दिल खिले
'तुम मिले दिल खिले और जीने को क्या चाहिए', यह गाना शायद ही हम में से किसी ने कभी नहीं गुनगुनाया होगा। 1995 में आई फिल्म 'क्रिमिनल' का यह गाना बॉलीवुड के यादगार गीतों में से एक है। इस गाने ने संगीत जगत में एमएम करीम को नई पहचान दिलाई थी। कुमार सानू और अल्का यागनिक के इस डुएट गाने को 90 के दौर में खूब पसंद किया गया था।
गली में आज चांद निकला
'गली में आज चांद निकला' 1998 की फिल्म 'जख्म' से है। यह उस दौर के बेस्ट रोमांटिक गानों में से एक है। आनंद बख्शी के बोल और अल्का यागनिक की आवाज में यह गाना गजब का रूमानी लगता है। कम ही लोग जानते हैं कि गाने को यह रूमानियत देने वाला संगीत एमएम कीरावानी ने ही कंपोज किया है। यह गाना पूजा भट्ट और नागार्जुना अक्किनेनी पर फिल्माया गया था। इस फिल्म में सोनाली बेंद्रे भी नजर आई थीं।
जादू है नशा है
यह गाना 2003 में आई फिल्म 'जिस्म' से है। श्रेया घोषाल की मधुर आवाज में यह गाना एक बार सुनाई पड़ जाए तो इसे गुनगुनाए बिना नहीं रह सकते। गाने के इस मोहक संगीत का श्रेय भी एमएम कीरावानी को ही जाता है। यह फिल्म और यह गाना अपने इरॉटिक अंदाज के लिए चर्चा में रहा था। गाने के बोल मशहूर कहानीकार और लेखक नीलेश मिसरा ने लिखे हैं। यह नीलेश का लिखा पहला गाना था।
आ भी जा
लकी अली की लोकप्रिय फिल्म 'सुर' के सभी गाने बेहद लोकप्रिय हुए थे। इस फिल्म के गाने आज भी प्रशंसकों की प्लेलिस्ट में मौजूद रहते हैं। आपने भी 'सुर' के 'आ भी जा', 'कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना' जैसे गाने कई बार सुने होंगे। क्या आप फिल्म के संगीतकार का नाम जानते थे? फिल्म में लकी अली ने एक वॉइलनिस्ट का किरदार निभाया था जिसे अपने उत्ताराधिकारी की तलाश है।
खूबसूरत है वो इतना
उदित नारायण का यह गाना सीधा दिल में उतरता है। एक बार सुनने पर इस गाने को आप लूप में सुने बिना नहीं रह सकते। इरफान खान और इलीन हमन पर फिल्माया यह गाना 2005 की फिल्म 'रोग' का है। इस खूबसूरत गाने को एमएम कीरावानी ने कंपोज किया था। महेश भट्ट की फिल्म के यादगार गाने के बोल भी नीलेश मिसरा ने लिखे थे। इस फिल्म को पूजा भट्ट ने प्रोड्यूस किया था।