क्या रणबीर कपूर की 'एनिमल' बनी सेंसर बोर्ड के CEO रविंद्र भाकर के तबादले की वजह?
सेंसर बोर्ड भ्रष्टाचार के आरोप के चलते विवादों में है। 12 दिसंबर को बोर्ड के CEO रविंद्र भाकर को पद से हटा दिया गया और स्मिता वत्स शर्मा ने कार्यभार संभाला। बोर्ड पर अक्टूबर में तमिल अभिनेता विशाल के अपनी फिल्म 'मार्क एंटनी' को लेकर रिश्वत के आरोप लगाए थे, माना जा रहा था कि इसके कारण ही भाकर को हटाया गया है। अब रिपोर्ट्स हैं कि भाकर को हटाने का रणबीर कपूर की फिल्म 'एनिमल' से भी लेना-देना है।
क्या 'एनिमल' है वजह?
टाइम्स नाउ के अनुसार, बोर्ड पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि इतनी हिंसा और महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार को दर्शाने वाली फिल्म को प्रमाण पत्र कैसे दिया जा सकता है। सूत्र के अनुसार, 'एनिमल' को 'A' प्रमाण पत्र देना और हिंसा के आपत्तिजनक दृश्यों को नहीं हटाना खासकर महिलाओं के खिलाफ, अब देश और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भीतर विवाद खड़ा कर रहा है। कथित तौर पर 'एनिमल' के कारण बोर्ड के और अधिकारियों को भी झटका मिलेगा।
क्यों हो रहा 'एनिमल' का विरोध?
'एनिमल' में रणबीर के किरदार के साथ महिलाओं को दर्शाने के तरीके पर आपत्ति जताई जा रही है। फिल्म में कुछ ऐसे डायलॉग भी विवाद की वजह बन रहे हैं। रणबीर फिल्म में एक ऐसे बेटे के किरदार में हैं, जो अपने पिता के लिए किसी की भी जान लेने के लिए तैयार है। इसमें बहुत खून-खराबा भी दिखाया गया है। हालांकि, विरोध के बाद भी यह बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है।
क्या है 'मार्क एंटनी' के लिए रिश्वत का मामला?
भाकर को हटाने के पीछे की वजह 'एनिमल' को प्रमाण पत्र देने के अलावा फिल्म 'मार्क एंटनी' का रिश्वत से जुड़ा मामला भी है। दरअसल, भाकर के कार्यकाल में विशाल ने आरोप लगाया था कि उन्हें फिल्म 'मार्क एंटनी' (हिंदी) को पास कराने के लिए बोर्ड को 6.5 लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ी। इसमें से 3 लाख रुपये स्क्रीनिंग और 3.5 लाख रुपये सर्टिफिकेट के लिए थे। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई थी।
जानिए भाकर के बारे में
सेंसर बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार, भाकर भारतीय रेलवे स्टोर्स सर्विस (IRSS) के 1999 बैच के अधिकारी हैं। सेंसर बोर्ड के CEO के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने पश्चिम रेलवे के सचिव और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के रूप में काम किया था। भाकर ने MNIT, जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। उन्हें पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे में अपनी उत्कृष्ट सेवा और महाप्रबंधक के लिए रेल मंत्री से राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।