अजय देवगन को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- आगे से पहले नोटिस देना, फिर मदद मांगना
क्या है खबर?
सोशल मीडिया और कुछ वेबसाइटों पर अजय देवगन के नाम, चेहरे और पहचान का उपयोग करके अश्लील या आपत्तिजनक AI-जनित डीपफेक वीडियो/तस्वीरें और अन्य कंटेंट वायरल हुए। कुछ लोग अजय की अनुमति लिए बिना ही उनके नाम, फोटो या चेहरे का इस्तेमाल करके टी-शर्ट, कैप, स्टिकर, पोस्टर जैसी तमाम चीजें बेच रहे थे। अब इस बाबत दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन आपत्तिजनक डीपफेक वीडियो, तस्वीरों और कंटेंट को तुरंत हटाया जाए।
कार्रवाई
बिना अनुमति चेहरा या नाम इस्तेमाल किया तो कार्रवाई तय
कोर्ट ने साफ कहा कि अजय के अश्लील या आपत्तिजनक डीपफेक वीडियो, फोटो और कंटेंट को तुरंत प्लेटफाॅर्म से हटाया जाए। अगर कोई व्यक्ति अभिनेता के नाम, फोटो, वीडियो, आवाज या चेहरे का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट के मुताबिक, हटाने का आदेश सिर्फ उन्हीं कंटेंट पर लागू होगा, जो डीपफेक हैं, अश्लील हैं या आपत्तिजनक हैं या जो अभिनेता की पहचान का बुरा या गलत उपयोग करते हैं।
सख्ती
केवल आपत्तिजनक कंटेंट पर कोर्ट की सख्ती
कोर्ट ने ये स्पष्ट कर दिया कि वो सिर्फ डीपफेक या अश्लील सामग्री पर ही कड़ा रुख अपनाएगा। साधारण तस्वीरों या फैन पेजों पर लगाए गए सामान्य पोस्ट को हटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता। अदालत का लक्ष्य गलत, अश्लील या बदनाम करने वाले कंटेंट पर कार्रवाई करना है, ना कि हर तरह के पोस्ट पर। कोर्ट ने कहा कि फैंस को इतनी आजादी देनी होगी, वरना सारे फैन पेज हटाने होंगे।
सवाल
कोर्ट ने अजय के वकील से पूछा ये सवाल
अजय की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा, "एक यूट्यूबर ने अभिनेता का नाम, चेहरा और पहचान इस्तेमाल करके AI से बनाए गए अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो/तस्वीरें ऑनलाइन फैलाईं।" कोर्ट ने पूछा कि क्या अजय ने पहले यूट्यूब को लिखित शिकायत भेजी थी। अगर उन्होंने पहले प्लेटफॉर्म को लिखा होता तो उनके खिलाफ अश्लील कंटेंट हटाने का केस और मजबूत होता। कोर्ट के मुताबिक, प्लेटफॉर्म को पहले नोटिस देना जरूरी है, ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके।।
सलाह
"पहले यूट्यूब को नोटिस दो, फिर कोर्ट में सुनवाई होगी"
कोर्ट ने अजय को राहत दे दी, लेकिन ये भी स्पष्ट कर दिया कि आगे से ऐसे मामलों में शिकायत करना अनिवार्य होगा, वरना अगली सुनवाई के लिए 2 महीने तक इंतजार करना होगा। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि किसी भी प्लेटफॉर्म पर किए गए साधारण पोस्ट पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, ताकि फैंस की स्वतंत्रता पर असर न पड़े। डीपफेक और अश्लील सामग्री को रोकना जरूरी है, क्योंकि ये कलाकार की गरिमा और अधिकार का उल्लंघन है।