आशा भोसले को भी करना पड़ा था बॉलीवुड में संघर्ष, बोलीं- हर क्षेत्र में है राजनीति
पार्श्व गायिका आशा भोसले किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने करियर में लगभग 12,000 से भी ज्यादा गानों को आवाज देकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आज यानी 8 सितंबर को भोसले अपना 90वां जन्मदिन मना रही हैं, जो उनके साथ प्रशंसकों के लिए भी खास है। दरअसल, इस बार वह अपने जन्मदिन पर दुबई में एक लाइव कॉन्सर्ट कर रही हैं। इसी बीच भोसले ने शुरुआती करियर में अपने संघर्षों और राजनीति पर बात की है।
लाइव कॉन्सर्ट पर जताई खुशी
समाचार एजेंसी PTI से बातचीत के दौरान भोसले ने लाइव कॉन्सर्ट पर खुशी जताते हुए संगीत को बहती नदी की तरह बताया, जो कभी खत्म नहीं होता। उन्होंने कहा, "90 साल की उम्र में मुझे स्टेज पर 3 घंटे खड़े होकर गाने गाने हैं। मुझे खुशी है कि मैं इस उम्र में यह कर सकती हूं।" भोसले ने अपने सफर के बारे में बात करते हुए संगीत को सांस लेने जैसा बताया और कहा कि यह आसान नहीं था।
संगीत में बसती है आशा ताई की जान
भोसले कहती हैं, "हमारी सांसें नहीं होती हैं तो आदमी मर जाता है। मेरे लिए संगीत मेरी सांस है। इसी सोच के साथ मैंने अपना जीवन बिताया है। मुझे अच्छा लग रहा है कि मैं कठिन समय से बाहर आ गई हूं। कई बार मुझे लगा कि मैं यहां रह नहीं पाऊंगी, लेकिन मैं बच गई।" भोसले ने बताया कि वह चाहती हैं कि उन्होंने विभिन्न भाषाओं में और भी गाने गाए होते। साथ ही ज्यादा शास्त्रीय गायन किया होता।
पीछे मुड़कर देखती हूं तो सब मजेदार लगता है- आशा
भोसले ने इंडस्ट्री को लेकर कहा, "हर क्षेत्र में राजनीति है। फिल्मों में राजनीति है, इसलिए यहां टिकना आसान नहीं है। मैं भाग्य में विश्वास करती हूं और मेरा मानना है कि जो मेरे लिए है, वह मुझे मिलेगा और जो मेरे लिए नहीं है वो मुझे कभी नहीं मिलेगा।" वह कहती हैं कि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन आज जब वह पीछे मुड़कर देखती हूं तो सब मजेदार लगता है, क्योंकि मैं इससे बाहर आ गई हूं।
खुद को आखिरी मुगल बताने वाले बयान पर दी सफाई
बीते दिनों भोसले ने खुद को इंडस्ट्री की आखिरी मुगल बताया था। साथ ही दिग्गज गायिका लता मंगेशकर के साथ 'द लास्ट मुगल' नाम से कॉन्सर्ट करने की संभावना पर चर्चा की थी। अब इस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा, "मैंने ऐसा सिर्फ इसलिए कहा, क्योंकि दीदी (मंगेशकर) ने कहा था कि हम दोनों बहनें यह एक शो करेंगी। मेरा मतलब यह नहीं था कि मैं महारानी हूं, मेरा मतलब था कि मैं इंडस्ट्री को करीब से जानती हूं।"
दिग्गज गायकों को श्रद्धांजलि देंगी भोसले
इस कॉन्सर्ट का नाम 'आशा@90: लाइव इन कॉन्सर्ट' है। इसे भोसले के बेटे आनंद भोसले ने वैश्विक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी PME एंटरटेनमेंट के साथ मिलकर आयोजित किया है। यहां भोसले अपने लोकप्रिय गीतों के साथ ही भारतीय दिग्गज गायकों और संगीतकारों को श्रद्धांजलि भी देंगी। यह लाइव कॉन्सर्ट 1976 में यूके के रॉयल अल्बर्ट हॉल में भोसले के पहले अंतरराष्ट्रीय शो के लगभग 5 दशक बाद आया है, जिसमें शशि कपूर और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों ने भाग लिया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
आशा भोसले को बचपन से ही गाने का शौक था। वह महज 10 साल की उम्र से सुर लगाने लगी थीं। उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है। भोसले फिल्म 'माई' में अभिनय भी कर चुकी हैं।