ग्रैमी 2026 में गूंजा भारत का नाम, अनुष्का शंकर को मिला अपने करियर का 11वां नामांकन
क्या है खबर?
संगीत जगत के सबसे बड़े पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड्स 2026 के लिए नामांकन की घोषणा हो गई है। जहां इस बार अमेरिकी रैपर केंड्रिक लैमर 9 प्रमुख श्रेणियों में नामांकन हासिल कर चर्चा में रहे, वहीं लेडी गागा, बैड बनी और सबीना कारपेंटर ने भी सबसे ज्यादा नामांकन पाकर खूब लाइमलाइट लूटी। इनके बीच ग्रैमी 2026 में भारत ने एक बार फिर अपने संगीत का परचम लहराया और सितार वादक अनुष्का शंकर ने 11वां ग्रैमी नामांकन हासिल कर इतिहास रच दिया।
गर्व
अनुष्का को इस गाने के लिए मिला नामांकन
अनुष्का को उनके गाने 'डेब्रेक' के लिए ग्रैमी अवॉर्ड्स में नामांकन मिला है और ये उनके करियर का 11वां नामांकन है। उनके इस गाने को बेस्ट ग्लोबल परफॉर्मेंस की श्रेणी में नामित किया गया है। इस गीत को अनुष्का ने अपने चचेरे भाई आलम खान और सरथी कोरवर के साथ मिलकर तैयार किया है। ये उनके एल्बम 'चैप्टर 3: वी रिटर्न टू लाइट' का हिस्सा है, जो अनुष्का की लगातार बढ़ती अद्भुत संगीत यात्रा को दिखाता है।
परिचय
अनुष्का शंकर कौन हैं?
अनुष्का शंकर भारत के दिग्गज सितार वादक पंडित रवि शंकर की बेटी हैं। उन्होंने अपने पिता की राह पर चलते हुए अपनी कला से दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया और पारंपरिक संगीत के साथ नए प्रयोग करते हुए विश्व स्तर पर भारतीय संगीत को पहचान दिलाई। उन्हें पहली बार साल 2003 में 'लाइव एट कार्नेगी हॉल' के लिए नामांकन मिला था। इसके बाद उनके 'राइज', 'होम' और 'बिटवीन अस' जैसे गाने भी ग्रैमी के लिए नामांकित किए गए।
रिकॉर्ड
भारत से पहली बार अनुष्का के पिता पंडित रवि शंकर ने जीता था ग्रैमी अवॉर्ड
संगीत जगत के इस सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार को जीतने वाले पहले भारतीय सितार वादक पंडित रवि शंकर थे। उन्हें 1968 में एल्बम 'वेस्ट मीट ईस्ट' के लिए 'बेस्ट चैम्बर म्यूजिक परफॉर्मेंस' का ग्रैमी मिला था। उन्हें 5 बार इस पुरस्कार से नवाजा गया और 2012 में ग्रैमी की ओर से मरणोपरांत लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिला था। इस साल रैपर केंड्रिक लैमर को सबसे अधिक 9 नामांकन मिले हैं। उन्होंने अपने करियर में अब तक 22 ग्रैमी अवॉर्ड जीते हैं।
शुरुआत
कब हुई थी ग्रैमी पुरस्कार की शुरुआत?
संगीत के दिग्गजों को उनके शानदार काम के लिए सम्मानित करने के लिए ग्रैमी पुरस्कार की शुरुआत 1959 में हुई थी। इसके बाद पहले पुरस्कार समारोह का आयोजन 1959 में ही 4 मई को किया गया, जिसमें 1958 में संगीत क्षेत्र में किए गए बेहतरीन काम के लिए दिग्गजों को सम्मान मिला। हर साल यह पुरस्कार अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंसेज (NARAS) की ओर से विजेताओं को दिया जाता है।