NMC को WFME से मान्यता मिलने से क्या फायदे होंगे? यहां समझिए
भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को अपने उल्लेखनीय कार्यकाल के लिए प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME) से मान्यता प्राप्त हुई है। NMC को WFME की मान्यता मिलने से मेडिकल क्षेत्र में खुशी की लहर है। NMC में एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य डॉक्टर योगेंद्र मलिक ने कहा, "ये मान्यता मेडिकल शिक्षा में उच्चतम मानकों के प्रति NMC की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।" आइए जानते हैं मान्यता मिलने के बाद क्या फायदे होंगे।
WFME क्या है?
WFME विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व चिकित्सा संघ (WMA) के साथ काम करने वाला अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो दुनिया भर में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए समर्पित है। इसकी स्थापना सन 1972 में हुई थी। ये विभिन्न देशों के मेडिकल शिक्षा संस्थानों को मान्यता देने का काम करता है, जो मेडिकल शिक्षा और प्रशिक्षण के अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं और उन्हें बनाएं रखते हैं। इसका प्रमुख मिशन बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए कार्य करना है।
अब विदेशों में अभ्यास कर सकेंगे भारतीय छात्र
WFME से मिली मान्यता भारतीय छात्रों को दुनियाभर में कहीं भी करियर बनाने के अवसर प्रदान करेगी। खासतौर पर विदेशों में अभ्यास करने की चाह रखने वाले छात्रों को बड़े अवसर मिलेंगे। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब भारतीय छात्र अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित अन्य देशों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण और अभ्यास करने में सक्षम हो जाएंगे। इसके अलावा भारतीय छात्र स्नातकोत्तर प्रशिक्षण के लिए यूनाइटेड स्टेट्स मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा (USMLE) में भी भाग ले सकेंगे।
मेडिकल कॉलेजों को मिलेगी स्वाचलित मान्यता
वर्तमान में भारत में 706 मेडिकल कॉलेज हैं और अब इन सभी को WFME की मान्यता मिल जाएगी। इतना ही नहीं, आने वाले 10 सालों में स्थापित होने वाले नए मेडिकल कॉलेजों को भी स्वाचलित रूप से WFME की मान्यता प्राप्त हो जाएगी। इस संबंध में NMC को एक आधिकारिक पुरस्कार पत्र और मान्यता प्रमाणपत्र मिलेगा। WFME की मान्यता मिलने के बाद मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा मिल सकेगा।
मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी
WFME की मान्यता इस बात को रेखांकित करती है कि भारत में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता उच्चतम मानकों का पालन करती है। मान्यता मिलने के बाद भारत में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता और मानकों को वैश्विक प्रथाओं के साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा ये मान्यता अकादमिक सहयोग और आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के साथ मेडिकल शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करेगी। ये अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए भी भारत को आकर्षक गंतव्य बनाएगी।
WFME की मान्यता के लिए कितना खर्च आता है?
ANI के मुताबिक, WFME की मान्यता प्रक्रिया में प्रति मेडिकल कॉलेज करीब 60,000 डॉलर यानि 49,85,142 रुपये का शुल्क शामिल हैं। इसमें साइट विजिट टीम, उनकी यात्रा और रहने का खर्च शामिल है। भारत में कुल 706 मेडिकल कॉलेज हैं, इस हिसाब से सभी मेडिकल कॉलेजों को WFME मान्यता के लिए आवेदन करने की कुल लागत लगभग 351.9 करोड़ रुपये होगी। गौरतलब है कि NMC ने जो मान्यता ली है, वो उसके अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजों पर लागू होगी।