उत्तर प्रदेश: TET के तर्ज पर अब मदरसा बोर्ड कराएगा MTET, सीधी भर्ती पर रोक
उत्तर प्रदेश के मदरसों में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक जरूरी खबर है। उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती टेस्ट (UPTET) की तर्ज पर अब मदरसा बोर्ड भी मदरसा शिक्षक भर्ती टेस्ट (MTET) का आयोजन कराएगा। राज्य सरकार के इस फैसले से अब मदरसा प्रबंधक शिक्षकों की सीधी नियुक्ति नहीं कर सकेंगे। इसे मदरसों की स्थिति के सुधार की दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
खाली पदों की नियुक्ति के लिए मदरसा शिक्षा बोर्ड आमंत्रित करेगा आवेदन
हिन्दुस्तान से बातचीत में मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ इफ्तेखार जावेद ने कहा, "मदरसों में खाली पदों के लिए पहले उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड आवेदन आमंत्रित करेगा। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा आयोजित करवाएगा।" उन्होंने आगे कहा कि इस लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की साक्षात्कार आदि प्रक्रिया के बाद नियुक्ति होगी। बता दें कि वर्तमान में राज्य के मदरसों में 500 से अधिक पद खाली हैं।
मोबाइल ऐप के माध्यम से छात्र कर सकेंगे पढ़ाई
छात्रों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसों में अब मोबाइल ऐप से भी पढ़ाई होगी। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने एक मोबाइल ऐप तैयार करवाया है जिसको रमजान माह के बाद शुरू किया जाएगा। बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पाण्डेय ने बताया कि मोबाइल ऐप में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के सभी पाठ्यक्रमों के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा के कोर्स की सामग्री भी उपलब्ध होगी।
14 से 27 मई के बीच होंगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं
बता दें कि मदरसा बोर्ड की बैठक में तय किया गया है कि मदरसों में छात्रों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जाए और आधार का भी इस्तेमाल किया जाए। इसके साथ ही शिक्षकों की अटेंडेंस के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था की जाएगी। बोर्ड ने ये भी निर्णय लिया कि ऑनलाइन निगरानी के साथ 14 से 27 मई के बीच मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं संपन्न करा दी जाएं।
मदरसा आधुनिकीकरण योजना का लाभ लेने वाले मदरसों की होगी जांच
केंद्र सरकार की मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मुस्लिम बच्चों को गुणवत्ता और आधुनिक शिक्षा के लिए अनुदान दिया जाता है। उत्तर प्रदेश में इस योजना का लाभ लेने वालों 7,442 मदरसों की राज्य सरकार जांच कराने जा रही है। दैनिक जागरण के अनुसार, कई जिलों में कागजों पर चल रहे फर्जी मदरसों की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है। मदरसों के शैक्षिक स्तर में कितना सुधार आया, इसके लिए शैक्षिक गुणवत्ता का मूल्यांकन भी होगा।