कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया के दौरान माता-पिता इन बातों का ध्यान रखकर दें अपने बच्चों का साथ
जैसे-जैसे नया शैक्षणिक सत्र पास आ आता है। वैसे-वैसे छात्र-छात्राएं अपने प्रवेश को लेकर चिंतित हो जाते हैं। उन्हें काफी कंफ्यूजन होती है कि वे किस कॉलेज में और किस कोर्स में प्रवेश लें। इस समय छात्रों को एक अच्छे मार्गदर्शन की जरुरत होती है। अभी उनका सबसे अच्छा मार्गदर्शन उनके माता-पिता करते हैं। हमने अपने आज के इस लेख में माता-पिता के लिए कुछ टिप्स दिए हैं, कि उन्हें किस प्रकार अपने बच्चों का साथ देना चाहिए। आइए जानें।
अपने बच्चों से बात करें
आपको सबसे पहले अपने बच्चों के विचार जानने चाहिए। आपको उन से बात करनी चाहिए और ये समझना चाहिए कि उनके दिमाग के अपने भविष्य को लेकर क्या चल रहा है। जब आप उन से बात करेंगे, तो पता चलेगा कि वे किस कोर्स को करने में रुचि रखते हैं और उसके लिए कौन सा कॉलेज अच्छा रहेगा। इसके साथ ही आपको उनकी कंफ्यूजन के बारे में भी पता चलेगा कि वो कॉलेज या कोर्स, किस बारे में कंफ्यूज हैं।
उन्हें समझाएं पर दबाव न डालें
इस समय माता-पिता को सूझबूझ से काम लेना चाहिए और बच्चे पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डालना चाहिए। अगर आपको लगता है कि वे एक ऐसा कोर्स/कॉलेज चुन रहे हैं, जो सही नहीं है। तो उनसे बात करें और पहले ये जानने कि कोशिश करें कि इस कोर्स/कॉलेज को चुनने के पीछे उनकी क्या सोच है। कई बार ऐसा होता है, कि हम समझाने की बजाय उन पर दबाव बना देते हैं और वे कंफ्यूज हो जाते हैं।
काउंसलर की मदद लें
कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जो आपके बच्चे आए-दिन करते रहते हैं। ये उनके लिए बिलकुल अलग अनुभव होता है। अपने बच्चों का साथ देने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति की मदद लें, जिसको इसकी जानकारी हो। प्रोफेशनल कॉलेज एडमिशन काउंसलर को आवेदन प्रक्रिया का बहुत ज्ञान होता है। आपके बच्चे को आगे क्या करना चाहिए, इसके लिए आप उनकी मदद ले सकते हैं। इससे आपका और बच्चे का कंफ्यूजन दूर होगा।
आत्मविश्वास बढ़ाएं, जल्दबाजी न करें
हर माता-पिता को अपने बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए। कभी भी एडमिशन को लेकर जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इस समय बच्चे काफी चिंतित होते हैं और जल्दबाजी मेंं कोई गलत फैसला ले सकते हैं। इसलिए माता-पिता को उनका आत्मविश्वास बढ़ाकर उन्हें धैर्य रखने को कहना चाहिए। कई बार बच्चे के मनचाहे कॉलेज/कोर्स में दाखिला नहीं हो पाता है और वे निराश होकर किसी भी कॉलेज/कोर्स में एडमिशन ले लेते हैं। ऐसा करने से उन्हें रोककर दूसरा विकल्प बताना चाहिए।